
हरितालिका तीज पर महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए
हरितालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर सुहागिनें व्रत रखती हैं। यदि कुछ गलतियां हो जाएं तो व्रत का फल अधूरा रह जाता है। यहाँ कुछ बातें दी गई हैं जिनसे तीज के दिन बचना चाहिए 👇
- जल का सेवन न करें – तीज का व्रत निर्जला होता है, इसलिए पानी पीना वर्जित है।
- झूठ न बोलें – इस दिन असत्य बोलने से व्रत का पुण्य कम हो जाता है।
- व्रत तोड़ना नहीं चाहिए – बिना पूजा पूर्ण किए व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है।
- मांसाहार वर्जित है – इस दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें।
- नकारात्मक सोच से बचें – व्रत के दौरान क्रोध, ईर्ष्या और कटु वचन अशुभ माने जाते हैं।
- सोना वर्जित है – व्रत की रात जागरण करना आवश्यक है।
- बुजुर्गों और पति का अपमान न करें – इससे व्रत का असर घट जाता है।
- काले कपड़े न पहनें – तीज पर लाल, हरा, पीला जैसे शुभ रंग पहनना चाहिए।
- शिव-पार्वती की पूजा में लापरवाही न करें – मंत्र जाप और पूजा विधि पूरी श्रद्धा से करें।
- भोजन का स्पर्श न करें – व्रती को दिनभर अन्न का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।
✨ हरितालिका तीज व्रत : पूजा विधि एवं लाभ ✨
🌸 पूजा विधि (Pooja Vidhi)
- प्रातःकाल स्नान – सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- व्रत संकल्प – माँ पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करके निर्जला व्रत का प्रण करें।
- पूजा स्थान सजाएँ – मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर भगवान शिव, माँ पार्वती और गणेशजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- सोलह श्रृंगार – व्रती स्त्रियाँ पारंपरिक परिधान पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं।
- श्रद्धा से पूजन – जल, गंगाजल, अक्षत, पुष्प, बेलपत्र, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- कथा वाचन – हरितालिका तीज की कथा सुने और सुनाएँ।
- भजन-कीर्तन एवं जागरण – पूरी रात जागरण कर भक्ति गीत गाएँ और शिव-पार्वती का स्मरण करें।
- अगले दिन व्रत का पारण – सूर्योदय के बाद पूजा करके ब्राह्मणों या कन्याओं को भोजन कराएँ, दान दें और फिर स्वयं व्रत खोलें।
🌿 व्रत के लाभ (Labh)
- अखंड सौभाग्य की प्राप्ति – यह व्रत पति की लंबी उम्र और दाम्पत्य सुख के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
- वैवाहिक जीवन में सामंजस्य – व्रती स्त्री को दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख-शांति मिलती है।
- कन्याओं को योग्य वर – अविवाहित कन्याएँ योग्य और इच्छित वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं।
- संतान सुख की प्राप्ति – व्रत करने वाली स्त्रियों को संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।
- पापों का नाश – श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से पाप नष्ट होकर पुण्य की वृद्धि होती है।
- सुख-समृद्धि में वृद्धि – घर में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
- भगवान शिव-पार्वती की कृपा – यह व्रत करने से शिव-पार्वती का आशीर्वाद सदा साथ रहता है।
👉 इस दिन पूरी श्रद्धा, संयम और भक्ति से व्रत करने पर अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।