सूर्य सप्तमी कब है? 26 या 27 नवम्बर की सही तिथि
✅ 1. सबसे शुभ समय — सूर्योदय का प्रथम 1–2 मिनट
- सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे पवित्र और उत्तम समय सूर्योदय का समय माना गया है।
- जैसे ही सूर्य की पहली किरण दिखाई दे, उसी समय अर्घ्य देना सर्वोत्तम फल देता है।
- यह समय लगभग सूर्योदय से 1 से 2 मिनट के भीतर होता है, जिसे “अर्घ्य काल” भी कहा जाता है।
✅ 2. सूर्योदय से 15 मिनट तक का समय भी शुभ
यदि किसी कारण से बिल्कुल पहली किरण पर अर्घ्य देना संभव न हो, तो—
- सूर्योदय के 10–15 मिनट तक का समय भी पूरी तरह शुभ माना जाता है।
- इसके बाद सूर्य बहुत ऊँचे उठ जाते हैं, जिससे पहले जैसा प्रभाव नहीं मिलता।
✅ 3. सूर्योदय से पहले अंधेरे में जल अर्पण न करें
कई लोग जल्दबाजी में सूर्य निकलने से पहले ही अर्घ्य दे देते हैं, लेकिन—
- पूर्ण अंधकार में या सूर्योदय से पहले जल चढ़ाना शास्त्रसम्मत नहीं है।
- सूर्य देव के दर्शन के साथ अर्घ्य देने से ही पूजा संपूर्ण मानी जाती है।
✅ 4. दोपहर या शाम को अर्घ्य देना
यदि आप लॉन्ग डिस्टेंस ट्रैवल पर हैं, नौकरी में हैं या परिस्थितियों के कारण सुबह अर्घ्य नहीं दे पाए—
- दोपहर या शाम को सूर्य को नमस्कार कर सकते हैं,
- परंतु शुभ फल मुख्यतः सुबह के अर्घ्य से ही प्राप्त होते हैं।
✅ 5. सप्ताह में कम से कम 3 दिन सूर्योदय अर्घ्य विशेष फलदायी
यदि प्रतिदिन संभव नहीं हो:
- रविवार
- सोमवार
- बुधवार
ये तीन दिन सूर्य उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं।
✅ 6. ‘लॉन्ग डिस्टेंस’ यात्रा या घर से दूर होने पर नियम
चाहे आप:
- बाहर हों
- स्टेशन, होटल, PG, कैंप में हों
- ट्रेन/बस से यात्रा कर रहे हों
- विदेश में हों
आप इन नियमों के अनुसार सूर्य अर्घ्य कर सकते हैं—
✔ पास में कुआँ, झील, नदी न हो तो
प्लास्टिक या ताँबे के लोटे में जल भरकर सूर्य की ओर देखकर अर्पण करें।
✔ खुले स्थान न मिले तो
खिड़की, बालकनी या छत से सूर्य की दिशा देखकर अर्घ्य दें।
✔ सूर्य दिखाई न दे रहा हो (बादल/सर्दी/स्मॉग)
सूर्योदय के समय पर ही जल अर्पण करें—किरणें दिखना अनिवार्य नहीं।
📌 निष्कर्ष (सबसे सरल रूप में)
| समय | महत्त्व |
|---|---|
| ⭐ सूर्योदय के पहले 1–2 मिनट | सर्वश्रेष्ठ |
| ⭐ सूर्योदय के 10–15 मिनट भीतर | बहुत शुभ |
| ❌ सूर्योदय से पहले | शास्त्रविरुद्ध |
| ⚪ दोपहर/शाम | केवल सत्कार्थ, मुख्य फल नहीं |
क्यों रखते हैं लोग उत्पन्ना एकादशी व्रत?
