
सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं
सूर्य ग्रहण का समय और दृश्यता
- समय
- ग्रहण आरंभ: रात 10:59 बजे (21 सितंबर)
- अधिकतम ग्रहण: रात 1:11 बजे (22 सितंबर)
- ग्रहण समाप्ति: रात 3:23 बजे (22 सितंबर)
- दृश्यता:
- यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा, विशेष रूप से न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी भाग, अंटार्कटिका और दक्षिणी प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में।
भारत में सूतक काल और धार्मिक प्रभाव
चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि धार्मिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि, कुछ लोग इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, ध्यान और स्नान करने की परंपरा का पालन करते हैं।
भारत में ग्रहण देखना
भारत में इस ग्रहण को देखने का कोई अवसर नहीं है, लेकिन आप इसे अंतरराष्ट्रीय वेब स्ट्रीमिंग सेवाओं के माध्यम से लाइव देख सकते हैं। NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियाँ इस घटना का लाइव प्रसारण करेंगी।
1. महत्व (Significance)
- वैदिक मान्यता – सूर्य ग्रहण को खगोल विज्ञान के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है।
- पुराणों में वर्णन – ऋग्वेद और भागवत पुराण में सूर्य ग्रहण के दौरान किए जाने वाले उपायों का उल्लेख है।
- आध्यात्मिक महत्व – यह आत्मा की शुद्धि और ध्यान के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
- संपूर्ण ब्रह्मांडीय घटना – ग्रहण से जीवन और प्रकृति के बीच संबंध का बोध होता है।
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