
सावन सोमवार व्रत कैसे करें
सावन सोमवार व्रत कैसे करें – पूरी विधि (2025)
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में सोमवार का व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। जो श्रद्धालु सावन सोमवार का व्रत करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा से सुख, शांति, संतान एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
यहाँ सावन सोमवार व्रत की संपूर्ण विधि दी जा रही है:
🌅 व्रत की तैयारी (पूर्व संध्या)
- रविवार की रात को जल्दी सो जाएं और व्रत का संकल्प लें।
- मानसिक रूप से भगवान शिव का ध्यान करते हुए अगले दिन व्रत के नियमों का पालन करें।
🌄 व्रत की विधि (प्रातः काल)
- प्रातः स्नान:
सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
महिलाएं हल्की हरी या पीली साड़ी पहन सकती हैं। - व्रत का संकल्प लें:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लें:
“ॐ शिवरूपाय व्रतमहमहं करिष्ये” - शिवलिंग का अभिषेक करें:
- सबसे पहले गंगाजल या स्वच्छ जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गंगाजल (पंचामृत) से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भस्म, सफेद फूल, भांग, चंदन आदि अर्पित करें।
- भगवान शिव को सफेद मिठाई या गुड़ का भोग लगाएं।
- मंत्र जाप:
- “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का जाप करें।
- शिव चालीसा या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
🕒 दिनभर का नियम
- व्रतधारी को एक समय फलाहार या निर्जला व्रत करना चाहिए (संकल्प अनुसार)।
- झूठ, कपट, क्रोध से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- मन, वचन और कर्म से शिवजी का ध्यान करें।
🌙 सायंकाल पूजा
- शाम को भी पुनः दीप जलाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें और आरती करें।
- शिव परिवार की सामूहिक आरती करें (शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी)।
🙏 व्रत का समापन
- अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
- व्रत का समापन फल या जल ग्रहण कर करें।
⚠️ महत्वपूर्ण बातें
- सोमवार व्रत की संख्या 16, 5 या सावन के चारों सोमवार तक की जा सकती है।
- सावन में महिलाएं हरी चूड़ियां, मेहंदी और बिंदी लगाकर व्रत करें।
- बेलपत्र तीन पत्तियों वाला और साफ होना चाहिए।