
सावन के सोमवार के दिन चढ़ादे शिवलिंग पर यह फूल होगी सारी मनोकामना पूर्ण
सावन के सोमवार का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास के प्रत्येक सोमवार को मनाया जाता है, और इस दिन भक्त व्रत, उपवास और विशेष पूजन कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं।
🕉️ सावन के सोमवार का महत्व:
सावन मास में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और प्रकृति शुद्ध व ताजगी से भर जाती है। यह महीना देवों के देव महादेव (शिवजी) को अत्यंत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि सावन में शिव जी धरती पर विशेष रूप से भ्रमण करते हैं और इस महीने में की गई पूजा, व्रत और आराधना से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
🌸 शिवलिंग पर चढ़ाने योग्य शुभ फूल और उनका महत्व:
1. धतूरा (Datura)
- यह विषैला फल-पुष्प शिव को अत्यंत प्रिय है।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के समय निकले कालकूट विष को शिवजी ने ग्रहण किया था, इसलिए उन्हें धतूरा जैसे विषयुक्त फल अर्पित करने की परंपरा है।
- धतूरा चढ़ाने से संकटों से मुक्ति, शत्रुनाश, और रोगों से छुटकारा मिलता है।
2. आक का फूल (Madar / Aak Flower)
- यह एक वनस्पति है जिसका फूल विशेष रूप से शिव पूजन में उपयोग होता है।
- आक का फूल शिवजी को चढ़ाने से दुर्भाग्य दूर होता है और ग्रहबाधाएँ शांत होती हैं।
- विशेषकर कालसर्प दोष से पीड़ित लोग इसे चढ़ाकर राहत पा सकते हैं।
3. बिल्वपत्र (Bel Patra)
- शिव पूजा में बिल्वपत्र का विशेष महत्व है।
- यह त्रिपत्री होता है जो शिव, विष्णु और ब्रह्मा के प्रतीक रूप में चढ़ाया जाता है।
- इसे साफ करके, उसका अग्रभाग टूटा न हो इस ध्यान से चढ़ाना चाहिए।
- बिल्वपत्र चढ़ाने से आयु, स्वास्थ्य, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
4. सफेद फूल (White Flowers)
- सफेद फूल शिवजी के शांत, सौम्य रूप को प्रिय हैं।
- जैसे:
- सफेद कमल (White Lotus)
- सफेद कनेर
- बेला के फूल
- यह फूल चढ़ाने से मन में शांति, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
5. नीलकमल (Blue Lotus)
- यह बहुत दुर्लभ और शिवजी के रुद्र रूप को अर्पित किया जाता है।
- नीलकमल अर्पित करने से अत्यंत दुर्लभ इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं।
6. नाग केसर (Nag Kesar)
- यह फूल सौभाग्य और संतान प्राप्ति के लिए अर्पित किया जाता है।
- जिनकी मनोकामनाएं बार-बार अधूरी रह जाती हैं, उनके लिए यह उत्तम है।
🧘♂️ पूजा विधि (Shiv Puja Vidhi in Sawan):
👉 व्रत की तैयारी:
- रविवार की रात सात्विक भोजन करके संकल्प लें।
- सोमवार को सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
👉 शिवलिंग की पूजा सामग्री:
- दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल (पंचामृत)
- बिल्वपत्र, धतूरा, आक, सफेद फूल
- चंदन, धूप, दीपक, नैवेद्य
- सफेद मिठाई (खासकर मावे की)
- रुद्राक्ष की माला
👉 पूजा प्रक्रिया:
- शिवलिंग पर जलाभिषेक करें — शुद्ध जल या गंगाजल से।
- पंचामृत स्नान कराएं — दूध, दही, घी, शहद, और शुद्ध जल।
- फिर शुद्ध जल से स्नान कराकर वस्त्र और चंदन अर्पित करें।
- फूल, बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल चढ़ाएँ।
- धूप-दीप अर्पण करें।
- “ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
👉 महामृत्युंजय मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”
- इस मंत्र का 108 बार जाप करने से रोग, शोक, और मृत्यु का भय दूर होता है।
🌟 सावधानी और निषेध:
- तुलसी पत्ता शिव को न चढ़ाएँ, यह वर्जित है।
- केवड़ा फूल/जल भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
- फूल मुरझाए या कटे-फटे नहीं होने चाहिए।
- पूजा में मन, वचन और कर्म की पवित्रता रखें।
🙏 क्या लाभ होता है सावन सोमवार की पूजा से?
- शिव कृपा से विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- रोग, शत्रु और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं।
- आध्यात्मिक शांति और मानसिक बल प्राप्त होता है।
- धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है।