
संतोषी माता का पूजा करते समय ऐसी गलतियाँ भूलकर भी न करना
1. व्रत का संकल्प
- यह व्रत प्रायः शुक्रवार को किया जाता है।
- सुबह स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- मन में माता से प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन से दुख-दर्द दूर करके सुख-समृद्धि प्रदान करें।
2. पूजा की तैयारी
- किसी स्वच्छ स्थान पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- उस पर संतोषी माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- कलश रखें और उस पर नारियल रखें।
- पास में दीपक और धूप जलाएँ।
3. पूजन सामग्री
- गुड़ और चना (माता का मुख्य प्रसाद)
- लाल या पीला फूल
- रोली, हल्दी, चावल
- कलश के लिए जल, नारियल
- दिया (घी या तेल का)
- तुलसी के पत्ते (संभव हो तो)
4. पूजा का विधान
- सबसे पहले संतोषी माता का ध्यान करें।
- माता को अक्षत, रोली, फूल अर्पित करें।
- दीपक और धूप दिखाएँ।
- गुड़ और चने का भोग लगाएँ।
- संतोषी माता की कथा पढ़ें या सुनें। कथा अधूरी न छोड़ें।
- अंत में माता की आरती करें।
5. व्रत के नियम (बहुत महत्वपूर्ण)
- व्रत के दिन खट्टा भोजन निषिद्ध है।
- व्रतकर्ता को स्वयं भी खट्टा नहीं खाना चाहिए और यदि वह भोजन कराए तो उसमें भी खटाई न हो।
- व्रत में झूठ, क्रोध, कटु वचन, झगड़ा, बुरे विचार – सब त्याग दें।
- व्रत केवल सच्चे संतोष और श्रद्धा के साथ ही सफल होता है।
6. भोजन नियम
- उपवास करने वाले दिन फलाहार या केवल एक बार सात्विक भोजन लें।
- भोजन में प्याज, लहसुन, मांसाहार और शराब का प्रयोग बिल्कुल न करें।
- प्रसाद में हमेशा गुड़-चना रखें और सबसे पहले माता को अर्पित करें।
7. व्रत कथा का महत्व
- संतोषी माता की कथा सुनने या पढ़ने से ही व्रत पूर्ण माना जाता है।
- कथा के दौरान यदि कोई खट्टा पदार्थ सामने आ जाए तो व्रत भंग माना जाता है।
- कथा के बाद आरती करना न भूलें।
8. व्रत की अवधि
- प्रायः यह व्रत 16 शुक्रवार तक किया जाता है।
- अंतिम शुक्रवार को व्रत का उदयापन होता है। इसमें 8 लड़कियों को भोजन कराया जाता है और उन्हें गुड़-चना तथा दक्षिणा देकर विदा किया जाता है।
🚫 संतोषी माता की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियाँ
- खट्टे पदार्थ (नींबू, इमली, दही आदि) का प्रयोग न करें।
- व्रत कथा अधूरी न छोड़ें।
- दिखावे या सिर्फ परंपरा निभाने के लिए पूजा न करें।
- झूठ बोलना, क्रोध करना, दूसरों को दुख पहुँचाना – यह सब व्रत का प्रभाव कम करता है।
👉 सार:
संतोषी माता की पूजा में दिखावे से ज्यादा सच्चे मन का संतोष मायने रखता है। माता का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धा, सादगी और नियमों का पालन अनिवार्य है।
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial
संतोषी माता का पूजा
संतोषी माता का पूजा