
शुक्रवार पूजा विधि
शुक्रवार पूजा विधि (Shukrvar Puja Vidhi)
शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी, माँ संतोषी और शुक्र ग्रह की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करके समृद्धि, सुख-शांति और धन की प्राप्ति होती है। नीचे शुक्रवार व्रत और पूजा विधि दी गई है:
शुक्रवार पूजा के लिए सामग्री
- एक लकड़ी की चौकी
- माँ लक्ष्मी या संतोषी माता की मूर्ति/चित्र
- सफेद या गुलाबी वस्त्र
- चावल, अक्षत (पूरे चावल), और फूल
- कुमकुम, हल्दी और चंदन
- अगरबत्ती या धूप
- घी का दीपक
- दूध, गुड़ और चने का प्रसाद
- नारियल और सुपारी
- गंगाजल या स्वच्छ जल
शुक्रवार पूजा विधि
- स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और वहां चौकी रखें।
- पूजा की तैयारी: चौकी पर सफेद या गुलाबी वस्त्र बिछाकर माँ लक्ष्मी या संतोषी माता की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- संकल्प: संकल्प लेकर व्रत का आरंभ करें। यह व्रत शुभ फल और घर की समृद्धि के लिए किया जाता है।
- ध्यान और आवाहन: जल, चावल और फूल लेकर माँ लक्ष्मी का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि वे आपकी पूजा स्वीकार करें।
- पूजा का प्रारंभ:
- मूर्ति पर चावल, कुमकुम और फूल चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाकर आरती करें।
- माँ लक्ष्मी को दूध, चावल और गुड़ का भोग लगाएं।
- कथा का पाठ: संतोषी माता की कथा का पाठ करें। इसे सुनने के बाद परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रसाद बांटें।
- व्रत का नियम: व्रत के दौरान खट्टे पदार्थ खाने से बचें। शुक्रवार को सिर्फ गुड़ और चने का सेवन करें।
- आरती और विसर्जन: आरती के बाद पूजा स्थल की सफाई करें और प्रसाद बांटकर पूजा समाप्त करें।
शुक्रवार व्रत की कथा
यह कथा संतोषी माता की होती है। कथा में माँ संतोषी के भक्तों को उनके व्रत और पूजा से मिलने वाले आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। कथा सुनने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
शुभ मंत्र
माँ लक्ष्मी के लिए मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
संतोषी माता के लिए मंत्र:
ॐ संतोषी मातायै नमः।
महत्व:
शुक्रवार व्रत और पूजा धन, ऐश्वर्य और पारिवारिक सुख प्रदान करती है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए।