
शारदीय नवरात्रि पर सुबह और शाम को दीप जरूर जलाएं
नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा के दौरान दीप जलाना बेहद शुभ माना जाता है।
- सुबह दीप: घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और सुख-समृद्धि लाता है। यह नए दिन की शुरुआत को पवित्र बनाता है।
- शाम दीप: अंधकार को दूर कर घर में दिव्यता और देवी माँ की कृपा का संचार करता है।
मान्यता है कि सुबह और शाम दीप जलाने से घर में नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर पातीं और माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
साथ ही, दीपक में घी या तिल का तेल प्रयोग करना शुभ फलदायी माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि पर सुबह और शाम दीप जलाने का महत्व (Long Details)
शारदीय नवरात्रि का समय माता दुर्गा की आराधना और शक्ति की उपासना का पावन पर्व माना जाता है। इस दौरान नौ दिनों तक भक्तजन माता रानी की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत-उपवास रखकर मनोकामनाओं की सिद्धि की कामना करते हैं। नवरात्रि में पूजा विधि के साथ दीपक जलाना विशेष रूप से शुभ और आवश्यक माना जाता है।
🪔 दीप जलाने का महत्व
- देवी का आह्वान – दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और यह देवी माँ का आह्वान करने का माध्यम है।
- अंधकार का नाश – दीपक जलाने से प्रतीकात्मक रूप से अज्ञान और नकारात्मकता का अंधकार मिटता है और जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलता है।
- सात्विक ऊर्जा का संचार – घी या तिल के तेल का दीप जलाने से घर में सात्विक और शुभ ऊर्जा का संचार होता है।
- देवी प्रसन्न होती हैं – मान्यता है कि माता रानी दीपक की रोशनी से प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
- वास्तु दोष निवारण – दीप जलाने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियाँ और वास्तु दोष दूर होते हैं।
सुबह दीप जलाने का महत्व
- सुबह के समय दीपक जलाकर देवी माँ की आरती करने से दिनभर सकारात्मकता बनी रहती है।
- यह साधक को आलस्य से दूर कर सक्रिय और ऊर्जावान बनाता है।
- प्रातः काल का दीप जीवन में नए अवसरों और शुभारंभ का प्रतीक है।
शाम को दीप जलाने का महत्व
- संध्या के समय दीप जलाना अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि यह समय दिन और रात के मिलन का समय होता है।
- शाम को दीप जलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और दरिद्रता का नाश होता है।
- यह पारिवारिक कलह को दूर कर शांति और सद्भाव लाता है।
दीपक जलाने की विधि
- सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करके देवी माँ की मूर्ति या चित्र के सामने दीप रखें।
- दीपक में शुद्ध घी या तिल का तेल भरें और उसमें रूई की बत्ती लगाएं।
- माता रानी का ध्यान करके दीपक जलाएं और “जय माता दी” कहते हुए आरती करें।
- दीपक जलाते समय यह भावना रखें कि आपका जीवन प्रकाशमय और ज्ञान से परिपूर्ण हो।
विशेष सुझाव
- सुबह घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम माना गया है।
- शाम को तिल के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।
- अगर संभव हो तो दीपक को नौ दिनों तक लगातार जलते रहने दें (अखंड ज्योति)।
- दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा में रखना सर्वोत्तम होता है।
निष्कर्ष:
शारदीय नवरात्रि में सुबह और शाम दीपक जलाना केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अद्भुत साधन है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता, समृद्धि, शांति और माँ दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है।
शारदीय नवरात्रि में सुबह और शाम दीप जलाने के लाभ
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार – दीपक जलाने से वातावरण में शुद्धता और सकारात्मकता आती है।
- माँ दुर्गा की कृपा – देवी माँ प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश – दीपक की लौ से घर में मौजूद बुरी शक्तियाँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- वास्तु दोष से मुक्ति – दीप जलाने से घर में वास्तु संबंधी दोष और अशांति का प्रभाव कम होता है।
- धन-धान्य की वृद्धि – शाम को दीप जलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और दरिद्रता दूर होती है।
- मानसिक शांति – दीप की ज्योति देखने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है।
- ज्ञान का प्रतीक – दीप अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश देता है।
- संतान सुख – मान्यता है कि नवरात्रि में दीप जलाने से संतान सुख और पारिवारिक सुख-शांति प्राप्त होती है।
- रोगों से मुक्ति – घी का दीपक जलाने से घर में पवित्रता बढ़ती है और रोग-शोक का प्रभाव कम होता है।
- संकल्प पूर्ति – दीपक जलाते समय किया गया संकल्प माँ दुर्गा की कृपा से पूर्ण होता है।
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