
विजयदशमी क्यों मनाई जाती है
विजयदशमी क्यों मनाई जाती है?
विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है। यह त्योहार हर वर्ष आश्विन मास (सितंबर–अक्टूबर) की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।
1. रामायण से संबंध
- रामायण के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।
- रावण, जो दस सिरों वाला लंका का राजा था, अपने अहंकार, शक्ति और अधर्म के कारण समस्त लोकों में आतंक मचाए हुए था।
- माता सीता का हरण करने के बाद, राम ने वानर सेना के साथ युद्ध किया और दशमी के दिन उसे परास्त कर दिया।
- इसलिए इसे असत्य पर सत्य की विजय और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है।
- इसी कारण इस दिन देशभर में रामलीला का आयोजन होता है और शाम को रावण दहन किया जाता है।
2. देवी दुर्गा से संबंध
- देवी महिषासुरमर्दिनी का रूप धारण करके माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक दैत्य का वध भी इसी दिन किया था।
- महिषासुर ने देवताओं को हराकर स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया था और धरती पर अत्याचार बढ़ा दिए थे।
- तब देवताओं की प्रार्थना से दुर्गा प्रकट हुईं और नवरात्रि के नौ दिन तक महिषासुर से युद्ध किया।
- दसवें दिन उन्होंने महिषासुर का वध कर संसार को दानव के आतंक से मुक्त कराया।
- इसीलिए विजयदशमी को शक्ति पूजा और दुर्गा विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
- बंगाल और पूर्वी भारत में इस दिन को दुर्गा विसर्जन के रूप में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।
3. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
- विजयदशमी पर शस्त्र पूजन करने की परंपरा है, क्योंकि यह दिन नए कार्यों की शुरुआत और विजय के लिए शुभ माना जाता है।
- प्राचीन समय में राजा और योद्धा इस दिन युद्ध प्रारंभ करते थे, क्योंकि यह दिन विजय का प्रतीक है।
- भारत के कई क्षेत्रों में लोग इस दिन नई वस्तुओं की खरीददारी, शिक्षा, कला और व्यापार की शुरुआत करते हैं।
- महाराष्ट्र में अपराजिता देवी और शमी वृक्ष की पूजा की जाती है। शमी पत्ते को “सोना” मानकर एक-दूसरे को बांटा जाता है।
- दक्षिण भारत में इसे विद्यारंभ संस्कार (बच्चों की शिक्षा का पहला दिन) के रूप में भी मनाया जाता है।
4. प्रतीकात्मक महत्व
- विजयदशमी हमें यह शिक्षा देता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई ही विजय प्राप्त करती है।
- यह दिन साहस, संयम, धर्म और न्याय का संदेश देता है।
- दशहरा यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने भीतर के रावण रूपी दोषों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या आदि) को जलाकर जीवन में सच्चाई और सद्गुणों को अपनाना चाहिए।
विजयदशमी का पर्व दो महान घटनाओं से जुड़ा है—
- भगवान राम द्वारा रावण वध।
- माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर वध।
इसीलिए यह दिन पूरे भारत में धर्म, शक्ति, साहस और सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।