श्री राम विवाह: प्रेम, धर्म और मर्यादा का अद्भुत संगम
राम विवाह अनुष्ठान का महत्व
- दिव्य मिलन का प्रतीक
यह भगवान विष्णु के अवतार श्री राम और माता सीता, जो लक्ष्मी स्वरूपा हैं, के पवित्र विवाह का स्मरण है। - वैवाहिक जीवन में सुख-सौहार्द
इस दिन पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता, प्रेम और विश्वास बढ़ता है। - मनोकामना पूर्ति का दिन
अविवाहित युवक-युवतियों के लिए यह अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। योग्य जीवनसाथी प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। - कुल में शांति व समृद्धि
राम-सीता का विवाह गृहस्थ जीवन के आदर्शों का प्रतीक है। पूजा करने से घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है। - धार्मिक पुण्य की प्राप्ति
इस दिन व्रत, पूजा, कथा-पाठ और भजन करने से अत्यंत पुण्य का लाभ मिलता है।
राम विवाह पूजा-व्रत की विधि
1. प्रातःकालीन तैयारी
- सुबह स्नान करके स्वच्छ व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- राम-सीता की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- पास में रोली, अक्षत, दीपक, फूल, धूप, तुलसी दल, चावल, फल, मिठाई रखें।
2. कलश स्थापना
- एक स्वच्छ कलश में जल भरें।
- उस पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
- कलश को चावल की वेदी पर स्थापित करें और उस पर लाल कपड़ा रखें।
3. दीप जलाना
- घी का दीपक जलाकर भगवान श्री राम और माता सीता का ध्यान करें।
- धूप, कपूर आदि जलाकर वातावरण को पावन बनाएं।
4. श्री राम विवाह कथा का पाठ
- श्री राम विवाह की कथा को मन लगाकर पढ़ें या सुनें।
- धनुष-भंग, स्वयंवर और विवाह के प्रसंगों का स्मरण भक्तिभाव से करें।
5. पुष्प और अक्षत अर्पित करना
- राम और सीता के चरणों में रोली, चावल, पुष्प, तुलसी और अक्षत अर्पित करें।
- विवाह के प्रतीक रूप में हार या फूलों की माला चढ़ाएं।
6. विवाह के प्रतीक अनुष्ठान
- छोटा सा मंडप तैयार किया जाता है।
- राम और सीता की प्रतिमाओं को मंडप में बैठाकर
- हल्दी
- चंदन
- अक्षत
- सिंदूर
- फल
- मिठाई
- पान
अर्पित किए जाते हैं।
- मंगल गीत और विवाह श्लोक पढ़े जाते हैं।
7. आरती और भजन
- श्री राम-सीता की आरती करें।
- पूरे परिवार के साथ “श्री राम जय राम जय जय राम” का कीर्तन करें।
8. प्रसाद वितरण
- पूजा के बाद फल, पंचामृत, गुड़ या हलवा आदि प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
- व्रत करने वाले दिनभर फलाहार कर सकते हैं।
राम विवाह अनुष्ठान करने के लाभ
- वैवाहिक जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
- दांपत्य संबंध प्रेम और विश्वास से मजबूत होते हैं।
- घर में मंगल और समृद्धि का वास होता है।
- अविवाहितों को उत्तम जीवनसाथी का आशीर्वाद मिलता है।
- पारिवारिक विवाद दूर होते हैं और सौहार्द बढ़ता है।
- आर्थिक उन्नति और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
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