
रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा रविवार को भगवान सूर्य देव पूजा
रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। सूर्य देव को समर्पित इस दिन को विशेष माना जाता है, और उनकी कृपा पाने के लिए श्रद्धालु सूर्योदय के समय पूजा करते हैं।
पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धि: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
- सूर्य को अर्घ्य: तांबे के लोटे में साफ पानी भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत (चावल), और थोड़ी सी रोली मिलाएं। सूरज की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य दें।
- मंत्र:
- “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करें।
- सूर्य चालीसा: सूर्य चालीसा का पाठ करें और सूर्य देव की आरती करें।
- लाल चीजें चढ़ाएं: लाल फूल, गुड़, लाल वस्त्र या गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है।
व्रत रखने की परंपरा:
जो लोग व्रत रखते हैं, वे इस दिन केवल फल, दूध, और हल्का भोजन ग्रहण करते हैं। इससे सूर्य देव की कृपा से स्वास्थ्य, शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सूर्य देव की पूजा से विशेष रूप से मान-सम्मान, नौकरी और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
सूर्य देव को शिक्षा और विद्या का भी दाता माना जाता है। वे जीवन में ऊर्जा, तेज और आत्मबल प्रदान करते हैं, जो शिक्षा में सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, मां सरस्वती (विद्या की देवी) और गणेश जी की पूजा शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
शिक्षा के लिए सूर्य देव की पूजा:
- सूर्य देव के मंत्र:
- “ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात।”
- रोज सुबह इस मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें।
- सूर्य अर्घ्य:
- स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
- सूर्य की पूजा करने से ध्यान की शक्ति बढ़ती है और शिक्षा में मन लगता है।
मां सरस्वती की पूजा:
- सरस्वती मंत्र:
- “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।”
- इस मंत्र का जाप रोज करें।
- बुधवार का विशेष महत्व:
- बुधवार को मां सरस्वती की विशेष पूजा करें और सफेद वस्त्र व मिठाई अर्पित करें।
- पढ़ाई से पहले मां सरस्वती का ध्यान करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें:
- “या कुन्देन्दु तुषार हार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता।”
गणेश जी की पूजा:
- विद्या की बाधाएं दूर करने के लिए:
- गणेश जी को दूर्वा (दूब), मोदक और लाल फूल अर्पित करें।
- “ॐ गं गणपतये नमः।” का 108 बार जाप करें।
- गणेश चालीसा पढ़ें:
- गणेश जी की कृपा से स्मरण शक्ति तेज होती है और पढ़ाई में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं।
इन सभी पूजा-विधियों से शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति, एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है।