
माँ काली कवच
माँ काली की पूजा में मुख्य बात भक्ति, श्रद्धा और मन की शुद्धता है।
अगर आप घर पर साधारण माँ काली की पूजा करना चाहते हैं, तो यह क्रम अपना सकते हैं—
1. पूजा स्थल तैयार करें
- साफ जगह चुनें।
- माँ काली की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- आस-पास दीपक, अगरबत्ती, फूल और प्रसाद की व्यवस्था करें।
2. सामग्री
- लाल या गेरुए रंग का कपड़ा
- फूल (विशेषकर लाल जवा फूल)
- धूप-दीप
- चावल, रोली, सिंदूर
- नारियल, मिठाई, फल
- गंगाजल या स्वच्छ जल
- काली मिर्च, लाल चुनरी (यदि संभव हो)
3. पूजन विधि
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- माँ काली का स्मरण करें और दीप जलाएं।
- गंगाजल से मूर्ति/चित्र पर छिड़काव करें।
- फूल, अक्षत (चावल), सिंदूर अर्पित करें।
- “ॐ क्रीं काली” या “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” का जप करें।
- मनोकामना प्रार्थना करें।
- भोग/प्रसाद अर्पण करें और अंत में आरती करें।
4. विशेष बातें
- पूजा रात में भी की जाती है, लेकिन घर में सुबह या संध्या समय करना अच्छा होता है।
- श्रद्धा से किया गया जप, मंत्र और भोग माँ को प्रिय होता है।
- माँ काली को मांस-मदिरा भी अर्पित करने की परंपरा कुछ स्थानों पर है, लेकिन घर में साधारण शाकाहारी पूजा भी पूरी तरह स्वीकार्य है।
माँ काली की आरती
आरती काली माँ की, जो कोई नर गावे।
मनवांछित फल पावे, दुख दरिद्र मिटावे॥
जय अम्बे गौरी, जय महाकाली।
जो कोई तुमको ध्यावे, मनवांछित फल पावे॥
काज सारे बिगड़े, बन जावे तुम्हें गावे।
जो कोई तुमको माने, सब सुख सम्पत्ति पावे॥
भूत प्रेत पीड़ा, पास न आने पावे।
कृपा दृष्टि माँ रखो, दुःख दरिद्र मिटावे॥
आरती काली माँ की, जो कोई नर गावे।
मनवांछित फल पावे, दुख दरिद्र मिटावे॥
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial
माँ काली की पूजा में मुख्य बात
माँ काली की पूजा में मुख्य बात