
भौम प्रदोष व्रत कब है भौम प्रदोष व्रत, जो मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को कहा जाता है, भगवान शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना
भौम प्रदोष व्रत, जो मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को कहा जाता है, भगवान शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। साल 2025 में निम्नलिखित तिथियों पर भौम प्रदोष व्रत पड़ेंगे:
- 25 फरवरी 2025 (मंगलवार)
- 11 मार्च 2025 (मंगलवार)
- 8 जुलाई 2025 (मंगलवार)
- 22 जुलाई 2025 (मंगलवार)
- 2 दिसंबर 2025 (मंगलवार)
प्रदोष व्रत के दिन, सूर्यास्त के समय भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। व्रत का समय और तिथि स्थान के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, इसलिए अपने क्षेत्र के पंचांग या विश्वसनीय स्रोत से समय की पुष्टि करना उचित होगा।
भौम प्रदोष व्रत से मिलने वाली शिक्षा
भौम प्रदोष व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है और यह व्रत जीवन में कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ देता है:
- धैर्य और संयम – इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति धैर्यवान और संयमशील बनता है। किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए मन को स्थिर रखना आवश्यक है।
- शारीरिक और मानसिक शुद्धि – उपवास और पूजा से शरीर व मन की शुद्धि होती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- कर्म का महत्व – मंगल ग्रह (भौम) का संबंध कर्म और परिश्रम से होता है। यह व्रत हमें सिखाता है कि अच्छे कर्मों का फल निश्चित रूप से मिलता है।
भौम प्रदोष व्रत 2025 – तिथि, महत्व और पूजन विधि
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भौम प्रदोष व्रत कब है
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