
बृहस्पति भगवान को भोग अर्पण करने का शुभ मुहूर्त
🙏 बृहस्पति भगवान को भोग अर्पण करने का शुभ मुहूर्त प्रायः गुरुवार के दिन होता है, क्योंकि यह दिन स्वयं गुरु बृहस्पति देव को समर्पित है।
शुभ मुहूर्त –
- प्रातःकाल (सूर्योदय के बाद से दोपहर तक) – सबसे उत्तम माना गया है।
- गुरुवार का दिन – विशेष रूप से भोग, पूजा और व्रत के लिए श्रेष्ठ।
- गुरुवार के ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4:30 से 6:00 बजे तक) – सबसे पवित्र समय।
- यदि गुरुपुष्य नक्षत्र या गुरुवार की पूर्णिमा/एकादशी हो तो और भी शुभ होता है।
भोग अर्पण की विधि –
- सबसे पहले स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
- पीले पुष्प, हल्दी, चना दाल, बेसन के लड्डू, या पीले मीठे व्यंजन तैयार करें।
- बृहस्पति देव का पूजन करके भोग अर्पित करें और मंत्र जप करें –
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः” - भोग के बाद इसे प्रसाद रूप में बांटना चाहिए।
👉 सार: गुरुवार का दिन, प्रातःकाल और ब्रह्ममुहूर्त – बृहस्पति भगवान को भोग अर्पण करने का सबसे शुभ समय है।
🌼 बृहस्पति भगवान को भोग अर्पण करने से मिलने वाले लाभ 🌼
- गुरु ग्रह मजबूत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
- शिक्षा और विद्या की प्राप्ति में सफलता मिलती है।
- विवाह और संतान संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।
- परिवार में सुख-शांति और आपसी सामंजस्य बढ़ता है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- कार्यक्षेत्र में सम्मान और पदोन्नति मिलती है।
- गुरु दोष और बृहस्पति से संबंधित ग्रहदोष कम होते हैं।
- दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
- संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- जीवन में अच्छे गुरु और मार्गदर्शक का साथ मिलता है।
- आध्यात्मिक उन्नति और भक्ति की शक्ति मिलती है।
- व्यक्ति में धैर्य, करुणा और संयम का विकास होता है।
- परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- समाज में यश और मान-सम्मान बढ़ता है।
- भाग्य प्रबल होता है और शुभ अवसर प्राप्त होते हैं।
👉 संक्षेप में: बृहस्पति भगवान को भोग अर्पण करने से धन, ज्ञान, संतान, विवाह और सम्मान – जीवन के सभी क्षेत्रों में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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