
हर पूजा में सबसे पहले क्यों पूजे जाते हैं श्री गणेश
हर पूजा में सबसे पहले क्यों पूजे जाते हैं श्री गणेश
हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्य, अनुष्ठान, यज्ञ, व्रत या पूजा की शुरुआत हमेशा श्री गणेश जी की पूजा से की जाती है। गणेश जी को “अग्रपूज्य” यानी पहले पूजे जाने वाले देवता का स्थान प्राप्त है। इसके पीछे धार्मिक, पौराणिक और आध्यात्मिक कारण हैं।
1. विघ्नहर्ता का स्वरूप
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। मान्यता है कि उनकी कृपा से कार्य में आने वाले सभी विघ्न और बाधाएँ दूर हो जाती हैं। इसलिए पूजा से पहले उनका स्मरण कर आशीर्वाद लिया जाता है।
2. बुद्धि और विवेक के देवता
गणपति जी बुद्धि, विवेक और ज्ञान के अधिपति हैं। किसी भी धार्मिक कार्य को सही तरीके से संपन्न करने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है, इसीलिए उनकी पूजा पहले की जाती है।
3. पौराणिक कथा
शिव–पार्वती जी के आदेश पर देवताओं ने निर्णय लिया था कि जो भी पृथ्वी का चक्कर सबसे पहले लगाएगा, वही पहले पूजनीय होगा। गणेश जी ने बुद्धि से अपने माता-पिता की परिक्रमा करके यह स्थान प्राप्त किया। तब से वे अग्रपूज्य माने जाते हैं।
4. धार्मिक शास्त्रों का आदेश
गणेश अथर्वशीर्ष, गणपति उपनिषद और पुराणों में स्पष्ट वर्णन है कि गणपति पूजन के बिना कोई भी यज्ञ या पूजा पूर्ण नहीं होती।
5. शुभारंभ का प्रतीक
गणेश जी का नाम लेने से ही शुभ की शुरुआत मानी जाती है – जैसे “श्री गणेशाय नमः” लिखकर ही नया काम शुरू करना।
निष्कर्ष:
हर पूजा में सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करने से कार्य निर्विघ्न पूरा होता है, बुद्धि और सफलता मिलती है, और जीवन में सुख–समृद्धि आती है। यही कारण है कि उन्हें “विघ्नहर्ता” और “अग्रपूज्य” कहा जाता है।
हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करने के लाभ
- विघ्न-बाधा से मुक्ति – गणेश जी के आशीर्वाद से पूजा या कार्य के दौरान आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
- सफलता की गारंटी – किसी भी शुभ कार्य की सफलता सुनिश्चित होती है।
- बुद्धि और विवेक की प्राप्ति – सही निर्णय लेने की शक्ति और समझ विकसित होती है।
- शुभता का आगमन – घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- समृद्धि और धन लाभ – लक्ष्मी जी का आशीर्वाद सहज प्राप्त होता है।
- परिवार में सुख-शांति – कलह-क्लेश दूर होकर सौहार्द बढ़ता है।
- दीर्घायु और स्वास्थ्य – मानसिक तनाव कम होकर स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा – बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
- मनोकामना पूर्ति – सच्चे मन से की गई प्रार्थना जल्दी पूरी होती है।
- सफल आरंभ – नए कार्य, यात्रा, व्यवसाय या रिश्ते की शुरुआत शुभ होती है।