
नवरात्रि व्रत पारण कैसे करें? संपूर्ण जानकारी
नवरात्रि व्रत पारण कैसे करें? संपूर्ण जानकारी
नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ दुर्गा की साधना, उपवास और पूजन करने के बाद दशमी या नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है। पारण का अर्थ है व्रत का समापन करना। यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इससे माँ दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
नवरात्रि व्रत पारण का महत्व
- व्रत पारण करने से नौ दिनों की साधना पूर्ण मानी जाती है।
- यह माँ दुर्गा को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने का अंतिम चरण है।
- पारण विधि से व्रती को पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- बिना पारण के व्रत अधूरा माना जाता है।
व्रत पारण का सही समय
- नवरात्रि व्रत का पारण अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद किया जाता है।
- कुछ स्थानों पर दशमी तिथि को भी व्रत का समापन किया जाता है।
- पारण का समय प्रातःकाल या दिन में शुभ मुहूर्त के अनुसार करना चाहिए।
नवरात्रि व्रत पारण की विधि
- स्नान व ध्यान
- व्रती प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माँ दुर्गा का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
- पूजा की तैयारी
- घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें।
- माँ दुर्गा, कलश और अखंड ज्योति की पूजा करें।
- हवन (यदि संभव हो)
- आहुति देकर दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का उच्चारण करें।
- हवन में घी, गूगल, चावल और सुपारी का उपयोग करें।
- कन्या पूजन
- 2, 5, 7 या 9 छोटी कन्याओं और एक छोटे बालक को (भैरव स्वरूप) आमंत्रित करें।
- उनके चरण धोकर उन्हें भोजन कराएँ।
- उन्हें चूड़ी, चुनरी, कुमकुम, नारियल, फल और दक्षिणा भेंट करें।
- भोग अर्पण
- माँ दुर्गा को खीर, पूड़ी, चना, हलवा आदि का भोग लगाएँ।
- उसके बाद प्रसाद रूप में भक्तों को बाँटें।
- पारण (व्रत का समापन)
- माँ दुर्गा से प्रार्थना करें:
“हे माँ! यदि व्रत और पूजन में मुझसे कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करें और अपना आशीर्वाद बनाए रखें।” - इसके बाद फलाहार या सामान्य भोजन करके व्रत का पारण करें।
- माँ दुर्गा से प्रार्थना करें:
नवरात्रि व्रत पारण में क्या करें और क्या न करें
✅ करें
- कन्या पूजन अवश्य करें।
- दान और दक्षिणा का महत्व है।
- प्रसाद और भोग शुद्धता से बनाएं।
❌ न करें
- व्रत पारण से पहले अन्न ग्रहण न करें।
- किसी भी कन्या या अतिथि को अपमानित न करें।
- व्रत के समापन के बाद माँ का कलश या ज्योति बिना विधिवत विसर्जन के न बुझाएँ।
नवरात्रि व्रत पारण से मिलने वाले लाभ
- घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- सभी कष्ट और दुख दूर होते हैं।
- भक्त की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- माँ दुर्गा का आशीर्वाद जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता लाता है।
सारांश:
नवरात्रि व्रत पारण केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्ति का द्वार है। जो भक्त श्रद्धा और विधि-विधान से पारण करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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