
नवरात्र कन्या पूजन 2025 संपूर्ण जानकारी
कन्या पूजन की तिथि 2025
जान
- अष्टमी तिथि (महाअष्टमी) – 29 सितंबर 2025, सोमवार
- नवमी तिथि (महानवमी/रामनवमी) – 30 सितंबर 2025, मंगलवार
कन्या पूजन आप इन दोनों दिनों में कर सकते हैं।
कन्या पूजन की विधि
- सबसे पहले घर को शुद्ध और पवित्र करें, पूजा स्थल को साफ करें।
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
- 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को आमंत्रित करें (सामान्यतः 9 कन्याएं, पर कम हों तो 2 या 5 भी चल सकती हैं)।
- उनके चरण धोकर आसन पर बिठाएं।
- उन पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत लगाएं।
- चुनरी और फूल अर्पित करें।
- उन्हें भोजन कराएं – पूड़ी, चना, हलवा, नारियल, फल आदि।
- भोजन के बाद दक्षिणा, उपहार, या वस्त्र देकर उनका आशीर्वाद लें।
- अंत में एक छोटे बालक (लंगूर) को भी पूजन में सम्मिलित करना शुभ माना जाता है।
कन्या पूजन का महत्व
- कन्या पूजन में मातृशक्ति के नव रूपों की पूजा की जाती है।
- इससे घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य आता है।
- कन्याओं के आशीर्वाद से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- यह पूजन अखंड लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है।
धार्मिक मान्यता
- कन्या पूजन में कन्याओं को माँ दुर्गा के नौ रूपों का स्वरूप माना गया है।
- मान्यता है कि कन्याओं की पूजा से माँ दुर्गा तुरंत प्रसन्न होती हैं।
- यह पूजन दान, सेवा और भक्ति का संगम है।
विशेष सुझाव
- कन्या पूजन हमेशा सच्चे भाव से करें।
- भोजन शुद्ध, सात्विक और ताजा होना चाहिए।
- कन्याओं को हृदय से आदर दें, उन्हें देवी का स्वरूप मानें।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभ
- कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
- कन्या पूजन करने से नवरात्रि का व्रत और पूजन पूर्ण होता है।
- पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वास होता है।
- माँ दुर्गा का आशीर्वाद मिलने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- कन्याओं की पूजा करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
सांसारिक लाभ
- कन्या पूजन से घर में धन, वैभव और लक्ष्मी कृपा आती है।
- व्यापार, नौकरी और करियर में उन्नति होती है।
- घर के सदस्यों की सेहत और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- कन्या पूजन करने से संतान सुख और संतान की उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
विशेष लाभ
- कन्या पूजन करने वाले घर में दरिद्रता और संकट प्रवेश नहीं करते।
- कन्याओं की मुस्कान और आशीर्वाद से घर का वातावरण हमेशा मंगलमय रहता है।
- यह पूजन व्यक्ति के पापों का क्षय करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
शारदीय नवरात्र 2025 सप्तमी अष्टमी कब है