छठ घाट पर सुबह का समय अरघ देने की विधि
संध्या और सुबह का समय
- सूर्योदय से पहले (भोर के समय) अरघ देना शुभ माना जाता है।
- सूर्योदय से लगभग 1-2 घंटे पहले घाट पर पहुंचना चाहिए ताकि तैयारी पूरी हो सके।
छठ घाट पर अरघ देने की सामग्री
- पवित्र थाली/पेटिका
- जल (गंगा या नदी का पानी)
- फल – केला, नारंगी, सेव आदि
- कसरा (सूखा फल या गुड़)
- लाल कपड़ा या रेशमी दुपट्टा
- पौधा या नीम की पत्तियाँ
- दीपक (घी का दिया)
- सूप (कद्दू, गुड़, फल आदि के मिश्रण)
अरघ देने की विधि
- घाट पर साफ-सफाई करें – थोड़ा सा हल्का स्नान या हाथ-पैर धोना शुभ माना जाता है।
- थाली सजाना
- पानी, फल, सुपारी, खीर/कसरा थाली में रखें।
- थाली पर दीपक रखें और लाल कपड़ा बिछाएं।
- सूर्य को प्रणाम
- घाट पर खड़े होकर सूर्योदय की ओर देखें।
- दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें और मन से सूर्य देव की आराधना करें।
- जल और अरघ अर्पित करना
- थोड़े-थोड़े पानी और फल सूर्य की ओर उठाकर अर्पित करें।
- दीपक को जलाकर सूर्य की ओर करें।
- सूर्य को धन्यवाद देना
- “हे सूर्य देव, मेरी और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कृपा करें।”
- थाली का वितरण
- अगर कोई अन्य भक्त मौजूद हो, तो थाली में रखा कुछ हिस्सा दूसरों में भी बाट सकते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- अरघ के समय चुप रहना या मंत्र बोलना शुभ माना जाता है।
- अरघ देने के बाद घाट पर बैठकर सूर्य उदय होते देखना चाहिए।
- किसी प्रकार का गलत व्यवहार, शोर या विवाद अरघ के प्रभाव को कम कर सकता है।
अगर आप चाहो तो मैं आपको एकदम आसान और चरणबद्ध अरघ विधि चार्ट भी बना कर दे सकता हूँ, जिसे घाट पर देखकर ही किया जा सके। इससे भूलने की संभावना नहीं रहती।
क्या मैं वो चार्ट तैयार कर दूँ?
छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा अरघ है, जो सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। अगर आप छठ घाट पर सुबह के समय अरघ देने की सही विधि जानना चाहते हैं, तो इसे क्रमवार तरीके से समझें:
संध्या और सुबह का समय
- सूर्योदय से पहले (भोर के समय) अरघ देना शुभ माना जाता है।
- सूर्योदय से लगभग 1-2 घंटे पहले घाट पर पहुंचना चाहिए ताकि तैयारी पूरी हो सके।
छठ घाट पर अरघ देने की सामग्री
- पवित्र थाली/पेटिका
- जल (गंगा या नदी का पानी)
- फल – केला, नारंगी, सेव आदि
- कसरा (सूखा फल या गुड़)
- लाल कपड़ा या रेशमी दुपट्टा
- पौधा या नीम की पत्तियाँ
- दीपक (घी का दिया)
- सूप (कद्दू, गुड़, फल आदि के मिश्रण)
अरघ देने की विधि
- घाट पर साफ-सफाई करें – थोड़ा सा हल्का स्नान या हाथ-पैर धोना शुभ माना जाता है।
- थाली सजाना
- पानी, फल, सुपारी, खीर/कसरा थाली में रखें।
- थाली पर दीपक रखें और लाल कपड़ा बिछाएं।
- सूर्य को प्रणाम
- घाट पर खड़े होकर सूर्योदय की ओर देखें।
- दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें और मन से सूर्य देव की आराधना करें।
- जल और अरघ अर्पित करना
- थोड़े-थोड़े पानी और फल सूर्य की ओर उठाकर अर्पित करें।
- दीपक को जलाकर सूर्य की ओर करें।
- सूर्य को धन्यवाद देना
- “हे सूर्य देव, मेरी और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कृपा करें।”
- थाली का वितरण
- अगर कोई अन्य भक्त मौजूद हो, तो थाली में रखा कुछ हिस्सा दूसरों में भी बाट सकते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- अरघ के समय चुप रहना या मंत्र बोलना शुभ माना जाता है।
- अरघ देने के बाद घाट पर बैठकर सूर्य उदय होते देखना चाहिए।
- किसी प्रकार का गलत व्यवहार, शोर या विवाद अरघ के प्रभाव को कम कर सकता है।
