
2025 में चैत नामी की सप्तमी कब है?
चैत नामी की सप्तमी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक है। यह तिथि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को आती है, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण शुभ तिथि माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य, माता दुर्गा, और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
2025 में चैत नामी की सप्तमी की तिथि एवं समय
➤ प्रारंभ: 3 अप्रैल 2025 को रात 9:41 बजे
➤ समाप्ति: 4 अप्रैल 2025 को शाम 8:12 बजे
इस अवधि के दौरान, 4 अप्रैल 2025 को आर्द्रा नक्षत्र भी रहेगा, जो 5 अप्रैल की सुबह 5:20 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा करने, व्रत रखने और दान-पुण्य करने का महत्व बताया गया है।
चैत नामी की सप्तमी का महत्व
- सूर्य पूजन:
इस दिन सूर्यदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तगण प्रातः काल उठकर सूर्य को जल अर्पित करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। - चैत्र नवरात्रि का संबंध:
यदि यह सप्तमी चैत्र नवरात्रि के दौरान आती है, तो इसे माता दुर्गा के सप्तम रूप “कालरात्रि” की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। - दान-पुण्य एवं व्रत:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र एवं दक्षिणा देने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
व्रत एवं पूजा विधि
- प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- यदि व्रत रखा जा रहा हो, तो पूरे दिन फलाहार करें और शाम को सात्विक भोजन करें।
- इस दिन गाय, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
2025 में चैत नामी की सप्तमी 4 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा-पाठ, व्रत और दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। सूर्य देव की आराधना करने से स्वास्थ्य लाभ और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
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चैत नमी की सप्तमी 2025
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