घर में हनुमान जी की पूजा कैसे करें
हनुमान जी की पूजा का परिचय:
हनुमान जी, जिन्हें बजरंग बली या मारुति नंदन भी कहा जाता है, भगवान श्रीराम के परम भक्त और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। वे साहस, भक्ति, निष्ठा और बुद्धि के आदर्श हैं। हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है।
हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है। उनकी आराधना से भय, रोग, दुख और जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और अन्य मंत्रों का पाठ उनकी कृपा पाने का प्रमुख साधन है।
हनुमान जी की पूजा में उन्हें फूल, सिंदूर, मूली (गुड़हल), लड्डू
1. पूजा का सही समय
- सबसे शुभ समय सुबह सूर्योदय से पहले/सूर्योदय के समय है।
- शाम को भी पूजा की जा सकती है, विशेषकर मंगलवार व शनिवार को।
- मंगलवार को हनुमान जी की विशेष कृपा मानी जाती है।
2. पूजा स्थान (मंदिर) की तैयारी
- घर के पूर्व या उत्तर दिशा में मंदिर बनाना शुभ माना जाता है।
- हनुमान जी की उज्ज्वल, शुद्ध, और साफ-सुथरी प्रतिमा रखें।
- प्रतिमा में हनुमान जी अकेले या राम नाम जपते हुए हों।
- प्रतिमा जमीन पर न रखें; लकड़ी या पीतल के चौकी पर रखें।
3. पूजा से पहले करने योग्य बातें
- स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को पानी या गंगाजल से छिड़ककर शुद्ध करें।
- बिल्कुल शांति व श्रद्धा से पूजा करें।
- मन में संकल्प लें:
“मैं भगवान हनुमान की कृपा पाने हेतु भक्ति-भाव से पूजा कर रहा/रही हूँ।”
4. आवश्यक पूजा सामग्री
- गंगाजल
- दीपक (सरसों/घी का)
- लड्डू (विशेषकर बूंदी या मोतीचूर के)
- जनेऊ, चंदन, सिंदूर
- लाल कपड़ा
- तुलसी दल (यदि उपलब्ध हो)
- लौंग, इलायची
- अगरबत्ती या धूप
- फूल (गेंदे का फूल सर्वश्रेष्ठ)
5. पूजा विधि
(1) दीपक प्रज्वलित करना
- दीपक जलाकर हनुमान जी को प्रणाम करें।
- गुप्त रूप से कहें—
“जय बजरंगबली! मंगल मूर्ति हनुमान!”
(2) गंगाजल छिड़कना
- मूर्ति और स्थान पर हल्का गंगाजल छिड़कें।
(3) चंदन और सिंदूर अर्पित करना
- हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है, इसलिए
- सिंदूर + चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ा सकते हैं (यदि घर में कर सकें)।
- अन्यथा थोड़ा सिंदूर अर्पित करना भी पर्याप्त है।
(4) फूल और मालाएँ चढ़ाना
- ताज़े फूल चढ़ाएँ।
- गेंदा का फूल विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
(5) प्रसाद अर्पित करना
- बूंदी के लड्डू या कोई भी शुद्ध प्रसाद चढ़ाएँ।
- नारियल भी चढ़ा सकते हैं।
6. हनुमान जी का पसंदीदा पाठ
विश्वास के साथ इनमें से कोई भी पाठ रोज़ पढ़ें:
(1) हनुमान चालीसा
सबसे लोकप्रिय और प्रभावकारी।
(2) बजरंग बाण
रक्षा और भय को दूर करने हेतु।
(3) सुंदरकाण्ड
विशेष संकट या इच्छा पूर्ति के लिए।
7. छोटा सा दैनिक मंत्र (तेज़ प्रभाव वाला)
यदि समय कम हो तो बस यह मंत्र 11 बार पढ़ें:
“ॐ हनुमते नमः।”
या
“ॐ श्री रामदूताय नमः।”
8. आरती
- पूजा के अंत में हनुमान आरती करें—
जैसे: आरती कीजै हनुमान लला की…
9. पूजा के बाद
- प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों में बाँटें।
- दीपक को स्वयं बुझने दें (फूँक मारकर न बुझाएँ)।
- प्रतिदिन पूजा स्थान साफ रखें।
10. महत्वपूर्ण सावधानियाँ
- मंगलवार/शनिवार को तामसिक भोजन (मांस, मदिरा) न करें।
- पूजा के समय मन शांत व संयमी रखें।
- घर के मंदिर में कभी भी टूटे-फूटे भगवान न रखें।
- पूजा करते समय मोबाइल या टीवी का ध्यान न हो।
फल और लाभ
प्रतिदिन/नियमित हनुमान पूजा से—
- नकारात्मक ऊर्जाएँ दूर होती हैं
- साहस, बल, आत्मविश्वास बढ़ता है
- कार्य-सिद्धि में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं
- घर में शांति और मंगल होता है
- मानसिक तनाव कम होता है
- कष्ट, भय और रोग से रक्षा मिलती है
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने की विधि:
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