कर्मा एकादशी व्रत की पौराणिक कथा
🌿 कर्मा एकादशी व्रत की पौराणिक कथा
प्राचीन समय में विदर्भ देश में एक राजा हुआ करता था। उसका नाम था विदर्भ नरेश विदुरथ। वह बड़ा ही धर्मनिष्ठ और प्रजा पालक राजा था। उसके राज्य में लोग सुख और शांति से जीवन व्यतीत करते थे।
राजा के तीन पुत्र थे –
- धर्मात्मा पुत्र सुमेधा
- दूसरा पुत्र धनाधिपति
- और तीसरा पुत्र धर्मपालक
इनमें सबसे छोटे पुत्र की पत्नी बड़ी ही पतिव्रता, धार्मिक और सत्यनिष्ठा से जीवन जीने वाली थी। एक समय ऐसा आया जब उनके राज्य में भयंकर अकाल पड़ा। लोग अन्न-पानी के बिना कष्ट झेलने लगे। राजा ने भी अपने पुत्र और बहू को साथ लेकर दूसरे राज्य में जाने का विचार किया।
यात्रा करते-करते वे लोग एक नगर पहुँचे जहाँ के लोग बड़े ही सुखी और सम्पन्न थे। वहाँ राजा के छोटे पुत्र और उसकी पत्नी को किसी ब्राह्मण के यहाँ सेवा का अवसर मिला।
बहू हर दिन अपने पति के साथ ब्राह्मण के घर में काम करती और वहीं का भोजन ग्रहण करती। लेकिन एक दिन उसने देखा कि ब्राह्मण की पत्नी कर्मा एकादशी व्रत कर रही है और भगवान विष्णु की पूजा के बाद अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण कर रही है।
उस स्त्री ने ब्राह्मण पत्नी से पूछा –
“आप किस व्रत का पालन कर रही हैं? इससे क्या फल मिलता है?”
ब्राह्मणी बोली –
“यह कर्मा एकादशी व्रत है। जो भी श्रद्धा और नियम से इस व्रत को करता है, उसके जीवन से पाप नष्ट हो जाते हैं, पुण्य की प्राप्ति होती है और विष्णु लोक की प्राप्ति मिलती है। इस व्रत से संतान सुख, धन-धान्य और अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है।”
यह सुनकर राजकुमार की पत्नी ने भी पूरे नियम और श्रद्धा से कर्मा एकादशी का व्रत किया। व्रत के प्रभाव से कुछ ही समय में उसका भाग्य बदल गया। अकाल का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो गया, उनके जीवन में सुख-समृद्धि लौट आई और परिवार पुनः वैभवशाली हो गया।
🌟 फल
कहा गया है कि जो कोई भी कर्मा एकादशी का व्रत श्रद्धा से करता है, उसके जीवन से दरिद्रता और दुख दूर होते हैं। उसे अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जी 🙏 यहाँ मैं आपको कर्मा एकादशी व्रत के प्रमुख लाभ (लाभों की सूची) बता रहा हूँ:
🌿 कर्मा एकादशी व्रत के लाभ
- इस व्रत से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- व्रती के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- इस व्रत से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- जीवन में सौभाग्य और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- व्रत करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
- यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
- परिवार में संतान सुख और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
- पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
- इस व्रत से मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है।
- जीवन में आने वाली विपत्तियाँ और कष्ट दूर हो जाते हैं।
- व्रत करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।
- यह व्रत आध्यात्मिक उन्नति और भक्ति में वृद्धि करता है।
- व्रती को धन-वैभव, मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।
- इस व्रत से अच्छे कर्मों का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।
- मृत्यु के बाद व्रती को विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
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