अक्षय नवमी कब है
अक्षय नवमी 2025 में 31 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
अक्षय नवमी का महत्व
अक्षय नवमी हिन्दू पंचांग का एक पवित्र दिन है। इसे मुख्य रूप से भगवान विष्णु और आंवला (आवला) वृक्ष की पूजा के लिए जाना जाता है। ‘अक्षय’ का अर्थ है ‘अविनाशी’ या ‘जो कभी समाप्त नहीं होता’। इसलिए इस दिन किए गए धार्मिक कार्य, दान और पूजा का फल हमेशा मिलता है।
पूजा और व्रत
- इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायक माना जाता है।
- घर में लक्ष्मी की उपस्थिति और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन फलाहार या हल्का भोजन करके पूजा करते हैं।
धार्मिक मान्यता
अक्षय नवमी को किए गए दान और पूजा का लाभ कभी नहीं घटता। इसलिए इसे बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
संक्षेप में, यह दिन धर्म, पुण्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
ठीक है, यहाँ 2025 की अक्षय नवमी की पूजा विधि और मुहूर्त के साथ विस्तार से जानकारी है।
📅 अक्षय नवमी तिथि और समय (2025)
- नवमी तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2025, सुबह 10:06 बजे से
- नवमी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2025, सुबह 10:03 बजे तक
- शुभ पूजा मुहूर्त: 31 अक्टूबर 2025, सुबह 6:35 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक
🌿 पूजा सामग्री
- साफ आसन या पूजा स्थल
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र
- आंवला वृक्ष या उसके फल
- अक्षत (अन्न), दीपक और अगरबत्ती
- हल्दी, कुमकुम, चंदन
- पुष्प और फल
- गंगा जल या स्वच्छ जल
🪔 पूजा विधि
- स्थान तैयार करना: साफ और स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाएं।
- दीपक और धूप: दीपक जलाएं और अगरबत्ती से वातावरण शुद्ध करें।
- मंत्र जाप:
- भगवान विष्णु की उपासना करें।
- “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
- आंवला पूजा:
- आंवला वृक्ष के नीचे जल अर्पित करें और फल चढ़ाएं।
- वृक्ष की पूजा से परिवार में समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।
- दान-पुण्य:
- इस दिन गरीबों को अनाज, वस्त्र या धन दान करना विशेष फलदायक माना जाता है।
- अंतिम चरण:
- पूजा के अंत में प्रसाद अर्पित करें।
- परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें और घर में सुख-समृद्धि की कामना करें।
✨ महत्व
- अक्षय नवमी का दिन अविनाशी पुण्य देने वाला माना जाता है।
- इस दिन किया गया दान, व्रत या धार्मिक कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता।
- घर में लक्ष्मी और विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अक्षय नवमी कब है
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