श्रीमद्भगवद्गीता का पंद्रहवां अध्याय, जिसे “पुरुषोत्तम योग” कहा जाता है, अत्यंत गूढ़ और महत्वपूर्ण है। इसमें भगवान...
तुलसी माता को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन और श्रद्धा से उनकी सेवा और पूजा करनी...
तुलसी माता की पूजा भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी को सुख-समृद्धि,...
श्लोक 1-3: ज्ञान और सृष्टि का वर्णन श्लोक 1श्री भगवान ने कहा:“मैं अब तुझे उत्तम ज्ञान बताऊंगा,...
हनुमान जी की पूजा विधि में भक्ति, सरलता और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है। यहाँ पर...
श्रीमद्भगवद्गीता का 13वाँ अध्याय “क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग” कहलाता है। इसमें 35 श्लोक हैं। नीचे अध्याय 13 के...
श्रीमद्भगवद्गीता – 12वां अध्याय (भक्तियोग)यहाँ अध्याय के सभी 20 श्लोकों का हिंदी अर्थ प्रस्तुत है: श्लोक 1:...
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) अध्याय 11: विश्वरूपदर्शन योग श्लोक 1: अर्जुन उवाच: मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।यत्त्वयोक्तं...
यह अध्याय भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद का दसवां भाग है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अपनी दिव्य...
श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...