श्रीमद्भगवद्गीता – नवम अध्याय (राजविद्याराजगुह्ययोग)

श्लोक 1-3: ज्ञान और सृष्टि का वर्णन श्लोक 1श्री भगवान ने कहा:“मैं अब तुझे उत्तम ज्ञान बताऊंगा,...
हनुमान जी की संपूर्ण पूजा विधि श्रीमद्भगवद्गीता: अध्याय 14 (गुणत्रयविभाग योग)
हनुमान जी की पूजा विधि में भक्ति, सरलता और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है। यहाँ पर...
श्रीमद्भगवद्गीता – 12वां अध्याय (भक्तियोग)यहाँ अध्याय के सभी 20 श्लोकों का हिंदी अर्थ प्रस्तुत है: श्लोक 1:...
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) श्रीमद्भगवद्गीता के 12वें अध्याय का नाम है – भक्तियोग।
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) अध्याय 11: विश्वरूपदर्शन योग श्लोक 1: अर्जुन उवाच: मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।यत्त्वयोक्तं...
श्रीमद्भगवद्गीता – नवम अध्याय (राजविद्याराजगुह्ययोग) DALL·E 2024-12-06 19.48.05 - A serene depiction of Lord Krishna in a meditative pose under a grand, ancient banyan tree. The scene is bathed in soft golden light, symbolizing divi
श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...