श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) अध्याय 11: विश्वरूपदर्शन योग श्लोक 1: अर्जुन उवाच: मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।यत्त्वयोक्तं...
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यह अध्याय भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद का दसवां भाग है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अपनी दिव्य...
श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...
आठवां अध्याय, जिसे अक्षर-ब्रह्म योग कहा जाता है, में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देते...
श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय “ज्ञान-विज्ञान योग” के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा,...
वैभव लक्ष्मी व्रत एक प्रसिद्ध धार्मिक उपाय है, जिसे देवी लक्ष्मी की कृपा पाने और आर्थिक समस्याओं...
श्रीमद्भगवद्गीता का छठा अध्याय “ध्यान योग” (षष्ठ अध्याय) है। इसे कर्म योग, ध्यान योग और आत्म-संयम के...
श्रीमद्भगवद्गीता का पंचम अध्याय “कर्मयोग का ज्ञान” कहलाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्मयोग और संन्यास...
श्रीमद्भगवद्गीता का चतुर्थ अध्याय (कर्म योग का ज्ञान), जिसे ज्ञान-कर्म-संन्यास योग भी कहा जाता है, ज्ञान, कर्म,...
द्वितीय अध्याय, जिसे “सांख्य योग” कहा जाता है, श्रीमद्भगवद्गीता का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण...