श्री हनुमान जी के सुंदरकांड के दोहे (भाग 2) का हिंदी अर्थ (25-35 तक) Blog श्री हनुमान जी के सुंदरकांड के दोहे (भाग 2) का हिंदी अर्थ (25-35 तक) श्री हनुमान जी के सुंदरकांड के दोहे (भाग 2) का हिंदी अर्थ (25-35 तक) bhakti January 18, 2025 दोहा 25:कपि तनय करि प्रभु पद सेवा।राम कृपा सुख संदेह भेवा।।लंक कपटि सुनाई सब बाता।सुनि हरषे रघुपति... Read More Read more about श्री हनुमान जी के सुंदरकांड के दोहे (भाग 2) का हिंदी अर्थ (25-35 तक)