श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय 16: दैवासुर संपद्विभाग योग श्लोक 1श्रीभगवानुवाच:अभयं सत्त्वसंशुद्धिः ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्।। हिंदी अनुवाद:भगवान...
प्रदोष व्रत
श्लोक 1-3: ज्ञान और सृष्टि का वर्णन श्लोक 1श्री भगवान ने कहा:“मैं अब तुझे उत्तम ज्ञान बताऊंगा,...
हनुमान जी की पूजा विधि में भक्ति, सरलता और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है। यहाँ पर...
श्रीमद्भगवद्गीता – 12वां अध्याय (भक्तियोग)यहाँ अध्याय के सभी 20 श्लोकों का हिंदी अर्थ प्रस्तुत है: श्लोक 1:...
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) अध्याय 11: विश्वरूपदर्शन योग श्लोक 1: अर्जुन उवाच: मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।यत्त्वयोक्तं...
श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...
आठवां अध्याय, जिसे अक्षर-ब्रह्म योग कहा जाता है, में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देते...
श्रीमद्भगवद्गीता का छठा अध्याय “ध्यान योग” (षष्ठ अध्याय) है। इसे कर्म योग, ध्यान योग और आत्म-संयम के...
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि
श्रीमद्भगवद्गीता का पंचम अध्याय “कर्मयोग का ज्ञान” कहलाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्मयोग और संन्यास...