bhakti

भक्ति की भावना "भक्ति की भावना" एक आध्यात्मिक मंच है, जहाँ श्रद्धा, विश्वास और प्रेम के माध्यम से ईश्वर से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। यह वेबसाइट भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल है, जहाँ वे भजन, कीर्तन, मंत्र, धार्मिक लेख और प्रेरणादायक कथाओं के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य है लोगों को आंतरिक शांति, समर्पण और ईश्वर की निकटता का अनुभव कराना। हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगा: भक्तिपूर्ण भजन और आरती संग्रह देवी-देवताओं से जुड़ी कथाएँ और व्रत कथाएँ प्रेरणादायक संतवाणी और आध्यात्मिक लेख त्योहारों की जानकारी और पूजन विधियाँ रोज़ाना के लिए विशेष मंत्र और ध्यान तकनीकें भक्ति की भावना, सिर्फ एक वेबसाइट नहीं, एक आध्यात्मिक यात्रा है — आत्मा से परमात्मा तक।
तुलसी माता की पूजा भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी को सुख-समृद्धि,...
श्लोक 1-3: ज्ञान और सृष्टि का वर्णन श्लोक 1श्री भगवान ने कहा:“मैं अब तुझे उत्तम ज्ञान बताऊंगा,...
हनुमान जी की संपूर्ण पूजा विधि श्रीमद्भगवद्गीता: अध्याय 14 (गुणत्रयविभाग योग)
हनुमान जी की पूजा विधि में भक्ति, सरलता और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है। यहाँ पर...
श्रीमद्भगवद्गीता – 12वां अध्याय (भक्तियोग)यहाँ अध्याय के सभी 20 श्लोकों का हिंदी अर्थ प्रस्तुत है: श्लोक 1:...
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) श्रीमद्भगवद्गीता के 12वें अध्याय का नाम है – भक्तियोग।
श्रीमद्भगवद्गीता के 11वें अध्याय (विश्वरूपदर्शन योग) अध्याय 11: विश्वरूपदर्शन योग श्लोक 1: अर्जुन उवाच: मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।यत्त्वयोक्तं...
यह अध्याय भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद का दसवां भाग है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अपनी दिव्य...
श्रीमद्भगवद्गीता – नवम अध्याय (राजविद्याराजगुह्ययोग) DALL·E 2024-12-06 19.48.05 - A serene depiction of Lord Krishna in a meditative pose under a grand, ancient banyan tree. The scene is bathed in soft golden light, symbolizing divi
श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...