श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय को “राजविद्याराजगुह्ययोग” कहा जाता है। यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान...
bhakti ki bhavna
भक्ति की भावना
"भक्ति की भावना" एक आध्यात्मिक मंच है, जहाँ श्रद्धा, विश्वास और प्रेम के माध्यम से ईश्वर से जुड़ने का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। यह वेबसाइट भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल है, जहाँ वे भजन, कीर्तन, मंत्र, धार्मिक लेख और प्रेरणादायक कथाओं के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य है लोगों को आंतरिक शांति, समर्पण और ईश्वर की निकटता का अनुभव कराना।
हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगा:
भक्तिपूर्ण भजन और आरती संग्रह
देवी-देवताओं से जुड़ी कथाएँ और व्रत कथाएँ
प्रेरणादायक संतवाणी और आध्यात्मिक लेख
त्योहारों की जानकारी और पूजन विधियाँ
रोज़ाना के लिए विशेष मंत्र और ध्यान तकनीकें
भक्ति की भावना, सिर्फ एक वेबसाइट नहीं, एक आध्यात्मिक यात्रा है — आत्मा से परमात्मा तक।
आठवां अध्याय, जिसे अक्षर-ब्रह्म योग कहा जाता है, में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देते...
श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय “ज्ञान-विज्ञान योग” के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा,...
वैभव लक्ष्मी व्रत एक प्रसिद्ध धार्मिक उपाय है, जिसे देवी लक्ष्मी की कृपा पाने और आर्थिक समस्याओं...
श्रीमद्भगवद्गीता का छठा अध्याय “ध्यान योग” (षष्ठ अध्याय) है। इसे कर्म योग, ध्यान योग और आत्म-संयम के...
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि
श्रीमद्भगवद्गीता का पंचम अध्याय “कर्मयोग का ज्ञान” कहलाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्मयोग और संन्यास...
श्रीमद्भगवद्गीता का चतुर्थ अध्याय (कर्म योग का ज्ञान), जिसे ज्ञान-कर्म-संन्यास योग भी कहा जाता है, ज्ञान, कर्म,...
तृतीय अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्म योग का उपदेश देते हैं। इस अध्याय का मुख्य...
द्वितीय अध्याय, जिसे “सांख्य योग” कहा जाता है, श्रीमद्भगवद्गीता का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण...