
तुलसी माता
तुलसी माता की पूजा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। तुलसी माता को घर में रखना और उनकी पूजा करना पुण्य प्रदान करता है। तुलसी पूजा विशेष रूप से दीपावली, एकादशी और रविवार के दिन की जाती है, लेकिन इसे रोज़ भी किया जा सकता है।
यहाँ तुलसी माता की पूजा की सरल विधि दी जा रही है:
1. पूजा की तैयारी:
- सबसे पहले पूजा करने के लिए स्वच्छ स्थान चुनें।
- तुलसी के पौधे के पास एक चौकी या आसन रखें। अगर तुलसी का पौधा घर के बाहर है, तो आप उसे अच्छे से सजाकर पूजा कर सकते हैं।
- पूजा के लिए कलश (पानी से भरा हुआ), घी का दीपक, अगरबत्ती, फूल, ताजे पत्ते, सुपारी, चावल, और जल का पात्र रखें।
2. तुलसी की पूजा की शुरुआत:
- सबसे पहले हाथ धोकर शुद्ध हो जाएं।
- तुलसी माता के सामने खड़े होकर, उन्हें प्रणाम करें और मानसिक रूप से उन्हें श्रद्धा से याद करें।
3. तुलसी का अभिषेक:
- एक पात्र में स्वच्छ जल लें और तुलसी के पौधे के आसपास उसे छिड़कें (अर्थात् अभिषेक करें)।
- फिर तुलसी के पत्तों को साफ पानी से धो लें और उन्हें पानी में डालें।
4. घी का दीपक और अगरबत्ती जलाना:
- दीपक को तुलसी के पास रखें और उसे घी या तेल से जलाएं।
- अगरबत्ती भी जलाकर तुलसी के सामने रखें।
5. फूल चढ़ाना:
- तुलसी के पौधे को ताजे फूलों से सजाएं। आप अपने मनपसंद फूल चढ़ा सकते हैं, जैसे गुलाब या गेंदे के फूल।
6. नवग्रह और भोग अर्पण:
- तुलसी माता को मिष्ठान, फल, या अन्य भोग अर्पित करें। इसे अर्पित करने से पहले “ॐ तुलसी भगवतीं नम:” मंत्र का जाप करें।
7. प्रसाद वितरण:
- पूजा के बाद तुलसी माता का प्रसाद घर के सभी सदस्यों को वितरित करें। तुलसी के पत्तों को भी सेवन किया जा सकता है।
8. पूजा के अंत में:
- अंत में “ॐ नमो भगवते श्री तुलसी मातायै” या “तुलसी माता की जय” कहकर पूजा का समापन करें।
9. विशेष ध्यान रखें:
- तुलसी के पौधे के साथ शारीरिक संपर्क को लेकर ध्यान रखें। पूजा में पवित्रता बनाए रखें और बत्तियों को जलाने से पहले किसी भी तरह के कुसंस्कारों से बचें।
- रविवार, एकादशी और दीपावली जैसे अवसरों पर तुलसी की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
तुलसी माता के मंत्र:
तुलसी माता की पूजा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। तुलसी माता को घर में रखना और उनकी पूजा करना पुण्य प्रदान करता है। तुलसी पूजा विशेष रूप से दीपावली, एकादशी और रविवार के दिन की जाती है, लेकिन इसे रोज़ भी किया जा सकता है।
यहाँ तुलसी माता की पूजा की सरल विधि दी जा रही है:
1. पूजा की तैयारी:
- सबसे पहले पूजा करने के लिए स्वच्छ स्थान चुनें।
- तुलसी के पौधे के पास एक चौकी या आसन रखें। अगर तुलसी का पौधा घर के बाहर है, तो आप उसे अच्छे से सजाकर पूजा कर सकते हैं।
- पूजा के लिए कलश (पानी से भरा हुआ), घी का दीपक, अगरबत्ती, फूल, ताजे पत्ते, सुपारी, चावल, और जल का पात्र रखें।
2. तुलसी की पूजा की शुरुआत:
- सबसे पहले हाथ धोकर शुद्ध हो जाएं।
- तुलसी माता के सामने खड़े होकर, उन्हें प्रणाम करें और मानसिक रूप से उन्हें श्रद्धा से याद करें।
3. तुलसी का अभिषेक:
- एक पात्र में स्वच्छ जल लें और तुलसी के पौधे के आसपास उसे छिड़कें (अर्थात् अभिषेक करें)।
- फिर तुलसी के पत्तों को साफ पानी से धो लें और उन्हें पानी में डालें।
4. घी का दीपक और अगरबत्ती जलाना:
- दीपक को तुलसी के पास रखें और उसे घी या तेल से जलाएं।
- अगरबत्ती भी जलाकर तुलसी के सामने रखें।
5. फूल चढ़ाना:
- तुलसी के पौधे को ताजे फूलों से सजाएं। आप अपने मनपसंद फूल चढ़ा सकते हैं, जैसे गुलाब या गेंदे के फूल।
6. नवग्रह और भोग अर्पण:
- तुलसी माता को मिष्ठान, फल, या अन्य भोग अर्पित करें। इसे अर्पित करने से पहले “ॐ तुलसी भगवतीं नम:” मंत्र का जाप करें।
7. प्रसाद वितरण:
- पूजा के बाद तुलसी माता का प्रसाद घर के सभी सदस्यों को वितरित करें। तुलसी के पत्तों को भी सेवन किया जा सकता है।
8. पूजा के अंत में:
- अंत में “ॐ नमो भगवते श्री तुलसी मातायै” या “तुलसी माता की जय” कहकर पूजा का समापन करें।
9. विशेष ध्यान रखें:
- तुलसी के पौधे के साथ शारीरिक संपर्क को लेकर ध्यान रखें। पूजा में पवित्रता बनाए रखें और बत्तियों को जलाने से पहले किसी भी तरह के कुसंस्कारों से बचें।
- रविवार, एकादशी और दीपावली जैसे अवसरों पर तुलसी की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
तुलसी माता के मंत्र:
- “ॐ तुलसी भगवतीं नम:”
- “ॐ नमो भगवते श्री तुलसी मातायै”
महत्व: तुलसी माता की पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है, और घर में सुख, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही, यह पूजा स्वास्थ्य और आयु में भी वृद्धि करती है।