
शनिदेव की पूजा विधि (Shani Dev Puja Vidhi)
शनिदेव की पूजा से शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता, शांति व समृद्धि प्राप्त होती है। शनिदेव की पूजा विशेष रूप से शनिवार को करना शुभ माना जाता
🔹 शनिदेव की पूजा करने की विधि
1. स्नान और शुद्धिकरण
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करें।
2. शनिदेव की प्रतिमा या चित्र की स्थापना
- शनिदेव की प्रतिमा या चित्र को मंदिर में स्थापित करें।
- पीपल के पेड़ के नीचे भी पूजा कर सकते हैं।
3. दीपक और धूप जलाना
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं (शनिवार को विशेष रूप से)।
- धूप, अगरबत्ती या कर्पूर जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
4. शनिदेव के मंत्रों का जाप करें
- बीज मंत्र:
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।” - शनि गायत्री मंत्र:
“ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि। तन्नो मंदः प्रचोदयात्॥” - शनि स्तोत्र:
“नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥”
5. शनिदेव को प्रसाद चढ़ाएं
- काले तिल, काले चने, सरसों का तेल, उड़द दाल और गुड़ का भोग लगाएं।
- नीले या काले फूल चढ़ाएं।
6. पीपल के पेड़ की पूजा करें
- पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
- 7 बार पेड़ की परिक्रमा करें और जल अर्पित करें।
7. दान और सेवा करें
- गरीबों को काले कपड़े, काले तिल, लोहे की वस्तु, छाता, और तेल का दान करें।
- गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराएं।
8. शनि चालीसा और आरती करें
- शनि चालीसा पढ़ें।
- शनि आरती करें:
“जय जय श्री शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥”
🔹 शनिदेव की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें
✅ सच्चे मन से पूजा करें।
✅ शनिवार को विशेष रूप से उपवास और दान करें।
✅ झूठ, छल-कपट और बुरे कर्मों से बचें।
✅ शनिदेव को तिरछी नजर से न देखें, उनकी मूर्ति को सीधा देखने की बजाय चरणों का ध्यान करें।
🔹 शनिदेव की कृपा के लिए विशेष उपाय
✔ हर शनिवार को काले तिल और तेल का दान करें।
✔ पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
✔ जरूरतमंदों की सहायता करें और अन्याय से बचें।
क्रोध को नियंत्रित करने के उपाय:
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