
16 सोमवार व्रत की विधि
16 सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है, जो 16 सोमवार तक लगातार किया जाता है। यह व्रत भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए किया जाता है। 16 सोमवार व्रत की विधि निम्नलिखित है:
16 सोमवार व्रत की विधि
- संकल्प लेना (Sankalp):
- व्रत शुरू करने से पहले संकल्प लें। संकल्प में यह प्रण लें कि आप अगले 16 सोमवार तक नियमित रूप से व्रत रखेंगे और भगवान शिव की पूजा करेंगे।
- संकल्प लेते समय हाथ में जल, फूल और चावल लेकर भगवान शिव से प्रार्थना करें।
- सुबह की तैयारी:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर या शिवालय में शिवलिंग की स्थापना करें।
- शिवलिंग की पूजा:
- शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और चीनी (पंचामृत) से स्नान कराएं।
- बिल्व पत्र (बेलपत्र), धतूरा, फूल, अक्षत और चंदन अर्पित करें।
- धूप, दीप और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
- मंत्र जाप:
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इसके अलावा, शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र या रुद्राष्टक का पाठ भी कर सकते हैं।
- व्रत कथा सुनना:
- 16 सोमवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। यह कथा भगवान शिव और उनके भक्तों से जुड़ी होती है।
- कथा सुनने से व्रत का पूरा फल मिलता है।
- उपवास रखना:
- पूरे दिन उपवास रखें। कुछ लोग फलाहार करते हैं, जबकि कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं।
- शाम को पूजा के बाद हल्का भोजन कर सकते हैं।
- आरती और प्रसाद:
- शाम के समय भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
- प्रसाद में फल, मिठाई या खीर बांट सकते हैं।
- दान करना:
- व्रत के दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या दान देना शुभ माना जाता है।
- विशेष रूप से बेलपत्र, दूध या शिवजी से जुड़ी वस्तुएं दान करें।
- 16वें सोमवार का समापन:
- 16वें सोमवार को व्रत का समापन करें।
- इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- भगवान शिव का आशीर्वाद लेकर व्रत का उद्यापन (समापन) करें।
16 सोमवार व्रत का महत्व:
- यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है।
- इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
- विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए यह व्रत करती हैं।
- कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत कर सकती हैं।
16 सोमवार व्रत की कथा
16 सोमवार व्रत की कथा भगवान शिव और उनके भक्तों से जुड़ी होती है। यह कथा व्रत के दौरान सुननी चाहिए। कथा में भगवान शिव के भक्तों की भक्ति और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति का वर्णन होता है।
नोट:
- व्रत के दिन सात्विक भोजन करें और बुरे विचारों से दूर रहें।
- व्रत का संकल्प लेकर ही इसे शुरू करें और नियमित रूप से करें।
- 16 सोमवार व्रत को पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ करें।