
बृहस्पति भगवान की उत्पत्ति और भूमिका
बृहस्पति भगवान, जिन्हें देवगुरु बृहस्पति भी कहा जाता है, देवताओं के गुरु और बुद्धि, ज्ञान एवं विवेक के प्रतीक हैं। वे हिंदू धर्म के नवग्रहों में से एक ग्रह के रूप में भी पूजित हैं और गुरुवार का दिन उनसे संबंधित माना जाता है। उनकी कथा और महिमा पौराणिक कथाओं में वर्णित है। यहाँ बृहस्पति भगवान से जुड़ी प्रमुख कथा दी जा रही है:
बृहस्पति भगवान की उत्पत्ति और भूमिका
बृहस्पति ऋषि अंगिरस के पुत्र हैं। वे वेद, शास्त्र, और धर्म के ज्ञाता माने जाते हैं। उनकी माता का नाम सरस्वती है। वे देवताओं के सलाहकार और उनके आध्यात्मिक गुरु हैं। बृहस्पति भगवान ने देवताओं को धर्म, नीति और सदाचार का ज्ञान दिया।
बृहस्पति भगवान और देवासुर संग्राम
जब देवता और असुरों के बीच युद्ध छिड़ा, तो असुरों ने शुक्राचार्य को अपना गुरु बनाया। शुक्राचार्य ने असुरों को संजीवनी विद्या (मृत संजीवनी) देकर उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। देवताओं को उनकी शक्ति कम होती दिखी, और वे असुरों से हारने लगे। ऐसे समय में, देवगुरु बृहस्पति ने देवताओं को धर्म और सत्य का मार्ग दिखाया, जिससे देवताओं ने अपनी शक्ति और आत्मबल को पुनः प्राप्त किया।
तारा और चंद्रमा की कथा
बृहस्पति भगवान की पत्नी तारा थीं, जो अत्यंत सुंदर थीं। एक कथा के अनुसार, चंद्रदेव ने तारा को अपनी ओर आकर्षित किया और उन्हें अपने साथ ले गए। जब बृहस्पति को यह पता चला, तो उन्होंने चंद्रदेव से तारा को वापस लौटाने की मांग की। इस विवाद के परिणामस्वरूप देवताओं और असुरों में एक युद्ध छिड़ गया।बृहस्पति भगवान की उत्पत्ति और भूमिका अंततः ब्रह्माजी ने हस्तक्षेप किया और तारा को बृहस्पति के पास वापस भेजा। तारा से चंद्रमा को एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम बुध रखा गया। इस कारण बुध को चंद्रमा और बृहस्पति दोनों से जुड़ा माना जाता है।
बृहस्पति की पूजा और महत्व
बृहस्पति भगवान की पूजा विशेष रूप से गुरुवार को की जाती है। इस दिन व्रत और पीले रंग का विशेष महत्व है। बृहस्पति देवता की पूजा से बुद्धि, ज्ञान, और विवेक में वृद्धि होती है। साथ ही, यह पूजा आर्थिक समृद्धि, परिवार में सुख-शांति और जीवन में सकारात्मकता लाती है।
बृहस्पति मंत्र
बृहस्पति भगवान की कृपा पाने के लिए निम्न मंत्र का जप किया जाता है:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
यह मंत्र व्यक्ति को ज्ञान, आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
शिक्षा और उपदेश
बृहस्पति भगवान यह सिखाते हैं कि जीवन में सत्य, धर्म, और विवेक का पालन करना ही सच्ची सफलता है। उनके उपदेश और कथा हमें जीवन में संतुलन और सही मार्ग दिखाते हैं।