
तुलसी माता पर जल चढ़ाने की विधि
तुलसी माता पर जल चढ़ाना एक धार्मिक प्रक्रिया है जो हिंदू धर्म में श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। तुलसी माता पर जल चढ़ाने की विधि को सही तरीके से करने से पूजा का संपूर्ण लाभ मिलता है। यहाँ तुलसी माता पर जल चढ़ाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया दी जा रही है:
1. स्नान और शुद्धता
- सबसे पहले, स्वयं स्नान करके शुद्ध हो जाएं।
- पूजा स्थान और तुलसी का पौधा साफ-सुथरा करें।
2. पूजा की सामग्री
- तांबे या पीतल के लोटे में साफ जल भरें।
- गंगाजल, अगर उपलब्ध हो, तो जल में मिलाएं।
- रोली, अक्षत (चावल), चंदन, दीपक, और अगरबत्ती रखें।
- तुलसी माता को अर्पित करने के लिए कोई फल या मिठाई भी रखें।
3. पूजा का आरंभ
- तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं।
- अगरबत्ती जलाकर तुलसी माता की परिक्रमा करें।
- “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जप करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
4. जल चढ़ाने की विधि
- जल चढ़ाते समय “ॐ तुलस्यै नमः” या “ॐ श्री विष्णवे नमः” का जाप करें।
- जल को धीरे-धीरे तुलसी के पौधे की जड़ों में चढ़ाएं।
- ध्यान रखें कि तुलसी के पत्तों पर जल सीधे न चढ़ाएं, यह वर्जित है।
5. तुलसी माता की पूजा के नियम
- संध्या समय में तुलसी को जल न चढ़ाएं।
- एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
- तुलसी के पौधे के पास सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
6. भोग और प्रार्थना
- तुलसी माता को फल या मिठाई का भोग लगाएं।
- अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
7. तुलसी माता की परिक्रमा
- अंत में तुलसी के पौधे की 3, 5, या 7 बार परिक्रमा करें।
विशेष ध्यान दें:
- जल चढ़ाने का समय सुबह का सबसे शुभ माना जाता है।
- यह कार्य श्रद्धा और भक्ति से करना चाहिए।
- नियमित रूप से तुलसी माता की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
इस प्रकार से विधि-विधान से तुलसी माता पर जल चढ़ाने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
तुलसी माता पर जल चढ़ाने का सम्पूर्ण ज्ञान
तुलसी माता को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती हैं। तुलसी पर जल चढ़ाने के नियम और विधि का पालन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नीचे तुलसी माता पर जल चढ़ाने की सम्पूर्ण विधि दी गई है:
1. तुलसी माता की पूजा का समय
- तुलसी माता की पूजा सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के समय की जाती है।
- कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है।
- रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल चढ़ाने से बचें, क्योंकि इन दिनों तुलसी जी को जल चढ़ाना वर्जित माना गया है।
यह विधि न केवल आपकी भक्ति को पूर्ण करती है बल्कि आपकी आस्था को भी दृढ़ बनाती है। तुलसी माता की पूजा नियमित रूप से करने से जीवन में हर प्रकार की बाधा दूर होती है।