बृहस्पतिवार को पीले फूल और चने की दाल अर्पित करने की परंपरा
1. बृहस्पति देव और पीले रंग का संबंध
बृहस्पति देव का प्रिय रंग पीला है। पीला रंग प्रतीक है:
- ज्ञान और बुद्धि का
- सात्त्विकता और पवित्रता का
- समृद्धि और सौभाग्य का
- धर्म और नैतिकता का
चूँकि बृहस्पति ग्रह पीले रंग का स्वामी माना गया है, इसलिए गुरुवार के दिन पीली वस्तुएँ अर्पित करने से बृहस्पति देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
2. पीले फूल अर्पित करने का धार्मिक महत्व
पीले फूल जैसे:
- गेंदे के फूल
- पीले गुलाब
- हरसिंगार (पीले पुष्प)
को बृहस्पति देव को अर्पित किया जाता है।
पीले फूल क्यों अर्पित किए जाते हैं?
- फूल मन की पवित्र भावना और श्रद्धा का प्रतीक होते हैं
- पीले फूल बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं
- ये पूजा स्थल में सात्त्विक और शुभ वातावरण बनाते हैं
👉 मान्यता है कि पीले फूल अर्पित करने से गुरु कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सही मार्गदर्शन मिलता है।
3. चने की दाल अर्पित करने की परंपरा
(क) चने की दाल का महत्व
चना दाल:
- पोषक और सात्त्विक भोजन है
- पीले रंग से संबंधित है
- दान और भोग के लिए शुभ मानी जाती है
यह बृहस्पति ग्रह से जुड़ा प्रमुख अनाज माना गया है।
(ख) चने की दाल और गुरु ग्रह का संबंध
ज्योतिष शास्त्र में:
- चना दाल बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है
- इसे अर्पित करने से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है
इसलिए बृहस्पतिवार के दिन चने की दाल का भोग या दान विशेष फलदायी माना जाता है।
4. पीले फूल और चना दाल साथ अर्पित करने का महत्व
जब पीले फूल (श्रद्धा) और चना दाल (पोषण व दान) एक साथ अर्पित किए जाते हैं, तो:
- पूजा पूर्ण और संतुलित मानी जाती है
- व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति होती है
- धन, ज्ञान और सम्मान की वृद्धि होती है
5. पूजा में अर्पण करने की सही विधि
अर्पण विधि:
- प्रातः स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें
- बृहस्पति देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें
- केले के वृक्ष या पूजा स्थल पर दीपक जलाएँ
- पहले पीले फूल अर्पित करें
- फिर चना दाल (कच्ची या पकी हुई) अर्पित करें
- बृहस्पति मंत्र का जाप करें
मंत्र:
ॐ बृहस्पतये नमः
6. चना दाल का दान क्यों आवश्यक है?
पूजा के बाद चना दाल का दान:
- गरीबों
- ब्राह्मणों
- विद्यार्थियों
को करने से बृहस्पति देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
दान से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
7. व्रत में पीले फूल और चना दाल का महत्व
बृहस्पतिवार व्रत रखने वाले:
- पीले फूलों से पूजा करते हैं
- चना दाल और गुड़ का भोग लगाते हैं
- व्रत के पारण में चना दाल का सेवन करते हैं
यह व्रत विशेष रूप से:
- विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है
- दांपत्य जीवन में सुख देता है
- संतान प्राप्ति में सहायक माना जाता है
8. आध्यात्मिक और मानसिक लाभ
इस परंपरा से:
- मन शांत और सकारात्मक रहता है
- गुरु दोष शांत होता है
- निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है
- जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है
9. क्या न करें (सावधानियाँ)
- सड़े या मुरझाए फूल न चढ़ाएँ
- काली या लाल वस्तुएँ अर्पित न करें
- बिना श्रद्धा या क्रोध की अवस्था में पूजा न करें
10. निष्कर्ष
बृहस्पतिवार को पीले फूल और चना दाल अर्पित करने की परंपरा गहरे धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक अर्थ रखती है। यह परंपरा बृहस्पति देव को प्रसन्न कर जीवन में ज्ञान, धर्म, समृद्धि और सौभाग्य का संचार करती है। श्रद्धा, नियम और सही विधि से किया गया यह छोटा-सा उपाय जीवन में बड़े सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
भगवान गणेश को प्रसन्न करने की पूजा विधि
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बृहस्पतिवार को पीले फूल और चने की दाल अर्पित करने की परंपरा
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