बृहस्पतिवर के दिन केले के वृक्ष की पूजा कैसे करें
हिन्दू धर्म में गुरुवार (बृहस्पतिवार) का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। केले का वृक्ष पवित्र माना जाता है और कई मान्यताओं के अनुसार इसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास बताया गया है। गुरुवार की पूजा में केले के पेड़ की पूजा शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है।
बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष की पूजा — विस्तृत विधि
1. तैयारी
- पीले या साफ़ वस्त्र पहनें।
- मन को शांत रखें और पूजा से पहले स्नान करें।
- पूजा सामग्री तैयार करें:
- हल्दी, कुमकुम
- अक्षत (चावल)
- पीला वस्त्र या पीली चुनरी
- दीपक (घी का दीपक श्रेष्ठ)
- एक लोटा स्वच्छ जल
- गुड़ या बेसन के लड्डू
- चने की दाल
- एक पीला फूल या पुष्पमाला
- तुलसी पत्ता (यदि उपलब्ध हो)
2. वृक्ष की शुद्धि / प्राण प्रतिष्ठा
- केले के पेड़ पर थोड़ा सा जल छिड़ककर उसे शुद्ध मानें।
- लोटे से धीरे-धीरे पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएँ।
- दीपक जलाकर पेड़ के पास रखें।
3. मुख्य पूजा विधि
(A) हल्दी-कुमकुम का अर्पण
- केले के वृक्ष की जड़ और तने पर हल्दी और कुमकुम लगाएँ।
- अक्षत (चावल) अर्पित करें।
(B) पीले वस्त्र का समर्पण
- पेड़ पर एक छोटा-सा पीला वस्त्र/धागा बाँधें।
- गृहस्थ महिलाएँ पीले धागे से वृक्ष की 3 या 7 बार परिक्रमा करती हैं।
(C) भोग अर्पण
- चने की दाल, गुड़, बेसन लड्डू आदि अर्पित करें।
- केले के वृक्ष पर दूध या दही नहीं चढ़ाते (पौधे को नुकसान हो सकता है), इसलिए केवल जल या हल्दी वाला जल ही उपयोग करें।
(D) गुरु/बृहस्पति देव का ध्यान
- मन में बृहस्पति देव या भगवान विष्णु का स्मरण करें।
- निम्न मंत्र का जाप किया जा सकता है (इच्छानुसार): “ॐ बृं बृहस्पतये नमः।”
या
“ॐ गुरुवे नमः।” - 108 बार जप उत्तम माना जाता है, परन्तु जितना हो सके उतना करें।
4. आरती और प्रार्थना
- घी के दीपक से छोटे से आरती करें।
- पेड़ के सामने अपनी कामना या व्रत का संकल्प लें।
5. अंत में
- थोड़ी-सी प्रसाद सामग्री ग्रहण करें।
- वृक्ष की जड़ों को नुकसान न पहुँचाएँ।
- केले के वृक्ष का छिलका, कूड़ा-करकट वहाँ न छोड़ें।
पूजा क्यों की जाती है?
- हिन्दू धर्म में गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह एवं भगवान विष्णु को समर्पित है।
- केले का वृक्ष विष्णु का प्रिय माना जाता है।
- यह पूजा गुरु ग्रह की कृपा, विवाह में बाधा दूर करने, समृद्धि और परिवारिक सौहार्द के लिए की जाती है।
बृहस्पतिवर के दिन केले के वृक्ष की पूजा कैसे करें
बृहस्पतिवर के दिन केले के वृक्ष की पूजा कैसे करें
श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय “ज्ञान-विज्ञान योग”
