भौम प्रदोष व्रत की लाभ, भूमि, वाहन और संपत्ति
भौम (मंगल) प्रदोष व्रत शिवजी को समर्पित होता है और यह मंगलवार को किए जाने पर विशेष रूप से मंगल ग्रह को शांत करने और मजबूती देने वाला माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से मंगल भूमि, भवन, वाहन, ऊर्जा, साहस और संपत्ति का कारक है। इसलिए इस व्रत से इन क्षेत्रों में लाभ मिलने की मान्यता है।
नीचे सरल भाषा में भूमि, वाहन और संपत्ति से जुड़े लाभ बताए जा रहे हैं:
1. भूमि से जुड़े लाभ
- भूमि विवादों में राहत या समाधान मिलने की संभावना मानी जाती है।
- भूमि खरीदने-बेचने में आने वाली बाधाएँ कम होती हैं।
- नई जमीन लेने के योग बनते हैं।
- निर्माण कार्य (घर, प्लॉट, फैक्ट्री आदि) में सफलता मिलती है।
- वास्तु संबंधी नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
2. वाहन से जुड़े लाभ
- वाहन खरीदने का शुभ योग बनता है।
- यात्रा में सुरक्षा व शुभता प्राप्त होती है।
- वाहन से जुड़े खर्च, दुर्घटना या अचानक होने वाली समस्याएँ कम हो सकती हैं।
- नया वाहन लेने में अड़चनें दूर होने की मान्यता है।
3. संपत्ति से जुड़े लाभ
- घर, फ्लैट, दुकान आदि खरीदने या बेचने में सफलता मिलती है।
- पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद शांत होने की संभावना।
- निवेश योग्य संपत्ति मिलने के योग।
- स्थायी धन-संपत्ति में वृद्धि के संकेत।
4. अतिरिक्त लाभ (ज्योतिष मान्यताएँ)
- मंगल दोष, कुंडली में मांगलिक दोष, या मंगल की अशुभता कम होती है।
- साहस, आत्मविश्वास और कार्यक्षमता बढ़ती है।
- क्रोध, तनाव और मानसिक अशांति कम होती है।
- पेशेवर जीवन में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं—खासकर पुलिस, सेना, इंजीनियरिंग, रियल एस्टेट, निर्माण उद्योग में।
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