मोक्ष की प्राप्ति हेतु श्रेष्ठ व्रत—मोक्षदा एकादशी
मोक्ष की प्राप्ति हेतु श्रेष्ठ व्रत — मोक्षदा एकादशी
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म की प्रमुख एवं पुण्यदायिनी एकादशी है, जिसका पालन करने से जन्म–मृत्यु के बंधनों से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होने का वर्णन मिलता है। यह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में आती है और गीता जयंती का पावन दिन भी यही माना जाता है।
मोक्षदा एकादशी का महत्व
- यह व्रत पापों का नाश करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है।
- इस दिन श्रीकृष्ण की उपासना विशेष फलदायी होती है।
- पुराणों में वर्णन है कि इस व्रत को करने से स्वयं के साथ–साथ पूर्वजों को भी मुक्ति मिलती है।
- महाभारत के युद्ध भूमि में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को भगवद्गीता का ज्ञान इसी दिन दिया था।
व्रत विधि (सरल एवं पारंपरिक)
1. प्रातः-संस्कार
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु का संकल्प लेकर व्रत की प्रतिज्ञा करें:
“मैं भगवान श्रीहरि की कृपा के लिए मोक्षदा एकादशी का व्रत कर रहा/रही हूँ।”
2. पूजन-विधि
- घर के पूजा स्थान में भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
- तुलसी पत्र, धूप–दीप, चंदन, पुष्प आदि से पूजा करें।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप अत्यंत लाभकारी माना गया है।
- गीता का पाठ करना अत्यंत शुभ है।
3. व्रत
- दिनभर उपवास किया जाता है — फलाहार या निर्जल, जैसा संकल्प लिया हो।
- सात्त्विक भोजन (यदि नियम अनुसार) रात को या अगले दिन द्वादशी पर किया जाता है।
- झूठ–अत्याचार–क्रोध–कपट से दूर, शांत और भक्ति भाव में दिन बिताएँ।
4. परोपकार और दान
- ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा देना शुभ माना जाता है।
- सेवन: किसी भी जीव का अहित न करना इस व्रत का मुख्य भाव है।
मोक्ष प्राप्ति का आध्यात्मिक अर्थ
मोक्ष केवल मृत्यु के बाद की अवस्था नहीं, बल्कि—
- अनंत मानसिक शांति,
- अहंकार और वासनाओं से मुक्ति,
- सत्संग, सत्य और करुणा से युक्त जीवन—
इन सबका समन्वय ही मोक्ष की दिशा है।
मोक्षदा एकादशी इन गुणों को धरातल पर उतारने का साधन है।
मोक्षदा एकादशी का फल
शास्त्रों के अनुसार—
- व्रत-पालक को स्वप्न में भी पाप नहीं सताते।
- पूर्व जन्म और वर्तमान जन्म के दोष दूर होते हैं।
- जीवन में सकारात्मकता और वैराग्य की वृद्धि होती है।
- अंततः ईश्वर के निकटता प्राप्त होती है।
मोक्ष की प्राप्ति हेतु श्रेष्ठ व्रत—मोक्षदा एकादशी
नदी के कान में क्या बोलने से मनोकामना पूर्ण होती है
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial/featured
