सूर्य सप्तमी कब है? 26 या 27 नवम्बर की सही तिथि
सूर्य सप्तमी हिंदू संस्कृति और आस्था का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से सूर्य देव की आराधना और उनके कृपा-प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य का मुख्य स्रोत माना गया है, इसलिए यह दिन उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। सूर्य सप्तमी कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है, लेकिन पंचांग की गणनाएँ कई बार जटिल होने के कारण लोगों में वास्तविक तिथि को लेकर भ्रम बना रहता है। इसी कारण इस वर्ष भी यह प्रश्न कई स्थानों पर उठ रहा है कि सूर्य सप्तमी 26 नवंबर को मनाई जाए या 27 नवंबर को।
सूर्य सप्तमी का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन भक्तजन प्रातःकाल सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, उपवास रखते हैं और उनके नाम का जप व स्तोत्र का पाठ करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं, मानसिक शांति की प्राप्ति होती है और ऊर्जा बढ़ती है। इसके अतिरिक्त, सूर्य की कृपा से व्यक्ति के कार्यों में सफलता और जीवन में सकारात्मकता आती है।
पंचांगों और ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष सूर्य सप्तमी की शुभ तिथि 27 नवंबर 2025 को मान्य है। इस दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य देकर सूर्य देव की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना गया है। अतः सही तिथि का ज्ञान रखना और शास्त्रोक्त विधि से पूजा करना इस पर्व के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा देता है।
सूर्य सप्तमी कब है? 26 या 27 नवम्बर की सही तिथि
सूर्य सप्तमी कब है? 26 या 27 नवम्बर की सही तिथि
सूर्य देव को जल देते समय क्या प्रयोग करें और क्या न करें
