उत्पन्ना एकादशी व्रत में सेवन योग्य सात्त्विक भोजन
उत्पन्ना एकादशी व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति सात्त्विक भोजन का सेवन करते हैं, जो शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है। सात्त्विक भोजन में मसाले कम, तैलीय भोजन कम और शुद्ध प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होता है।
1. फलाहार (Fruits)
- आम, केले, सेब, पपीता, संतरा, अंगूर, नारियल आदि।
- फल शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और व्रत में हल्का भोजन होते हैं।
2. सिंघाड़े का आटा (Water Chestnut Flour)
- यह आटा व्रत में रोटियों और पकवान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- सिंघाड़े की रोटियां हल्की और पचने में आसान होती हैं।
3. कुट्टू का आटा (Buckwheat Flour)
- कुट्टू की रोटियां या पूरी व्रत में सामान्य आटे का विकल्प हैं।
- इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अच्छी होती है।
4. सूखे मेवे और अखरोट
- बादाम, काजू, किशमिश आदि का सेवन व्रत में ऊर्जा और पोषण देता है।
5. दही (Curd)
- सादा दही सात्त्विक आहार का हिस्सा है।
- पाचन में सहायक और शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
6. हरी सब्जियां (Green Vegetables)
- पालक, मेथी, लौकी, तोरई आदि।
- हल्की पकी सब्जियां सात्त्विक भोजन में शामिल की जा सकती हैं।
7. सादा दूध और दूध से बने उत्पाद
- दूध, घी, पनीर आदि का सेवन किया जा सकता है।
- घी का प्रयोग हल्की मात्रा में रोटियों या खीर में किया जा सकता है।
8. जल और नारियल पानी
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है।
- नारियल पानी शरीर में ताजगी और ऊर्जा बनाए रखता है।
9. सादा खिचड़ी या उपवास की खिचड़ी
- कुट्टू या साबूदाने से बनी खिचड़ी।
- हल्की और पचने में आसान होती है।
10. मधुराहार (Optional)
- शुद्ध गुड़, खजूर, शहद का सेवन व्रत में किया जा सकता है।
💡 नोट:
उत्पन्ना एकादशी व्रत में अलग-अलग अनाज, मांसाहारी भोजन, तंबाकू, मिर्च मसाला, प्याज़ और लहसुन का सेवन वर्जित है। सात्त्विक भोजन लेने से व्रत के दौरान शरीर और मन दोनों शांत और स्वस्थ रहते हैं।
https://www.youtube.com/@BMshakti
माँ अन्नपूर्णा व्रत पर ऐसे करें देवी की पूजा, मिलेगा अन्न और धन का आशीर्वाद
