🌸 रंभा एकादशी 2025: जानिए तिथि, व्रत विधि और महत्व 🌸
🌸 रंभा एकादशी 2025: जानिए तिथि, व्रत विधि और महत्व 🌸
🗓️ व्रत तिथि:
रंभा एकादशी व्रत 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा।
यह एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।
🌼 रंभा एकादशी का महत्व
रंभा एकादशी व्रत को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इस व्रत को करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से स्वर्गलोक की अप्सरा रंभा के समान सौंदर्य और सुख की प्राप्ति होती है।
यह व्रत भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाला कहा गया है।
मुख्य फल:
- पापों से मुक्ति
- सौंदर्य, वैभव और समृद्धि की प्राप्ति
- वैवाहिक जीवन में सुख-संतुलन
- विष्णु कृपा से मनोकामना पूर्ण
🕉️ रंभा एकादशी व्रत विधि
- व्रत वाले दिन प्रातःकाल स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें।
- पीले वस्त्र धारण करें और व्रत का नियम लें।
- पूजा स्थान को शुद्ध करके विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- तुलसी पत्र, पीले फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और पंचामृत से पूजन करें।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
- दिनभर उपवास रखें और रात में भगवान की कथा सुनें।
- अगले दिन द्वादशी तिथि में ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर स्वयं भोजन करें।
📖 व्रत कथा (संक्षेप में)
कथा के अनुसार एक राजा ने अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए मुनियों के कहने पर यह व्रत किया था। इस व्रत के प्रभाव से उसे पुनर्जन्म में उत्तम जीवन मिला और स्वर्गलोक की प्राप्ति हुई। रंभा अप्सरा के नाम पर इस एकादशी का नाम पड़ा क्योंकि यह व्रत सौंदर्य, आकर्षण और सद्गुणों की वृद्धि करता है।
🌺 निष्कर्ष
रंभा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि, और मानसिक शांति आती है। यह व्रत विष्णु भक्ति के साथ किया जाए तो समस्त दुखों का नाश होता है।
