
शरद पूर्णिमा व्रत पर क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, सरगी कब खानी चाहिए?
शरद पूर्णिमा व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे खासतौर पर चंद्रमा की उपासना और स्वास्थ्य लाभ के लिए रखा जाता है। इस व्रत में खाने-पीने की विशेष नियमावली होती है। यहाँ हम विस्तार से बताएंगे कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
शरद पूर्णिमा व्रत में क्या खाना चाहिए
- सादे और हल्के भोजन का सेवन करें
- व्रत के दिन हल्का भोजन करना चाहिए, जिससे शरीर भारी न हो।
- दूध, दही, और खिचड़ी जैसे आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करें।
- फलों का सेवन
- ताजे फल व्रत में लेने चाहिए।
- केले, सेव, अमरूद, अंगूर, और पपीता व्रत के लिए उपयुक्त हैं।
- माखन और दूध
- शरद पूर्णिमा की रात को अक्सर माखन-दूध रखा जाता है।
- इसे ‘अमृत जैसा दूध’ भी कहते हैं।
- दूध में खिचड़ी या हलवा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- साफ-सुथरी हल्की खिचड़ी
- मूंग दाल या तुअर दाल की खिचड़ी व्रत में श्रेष्ठ मानी जाती है।
- इसमें तेल कम डालें और मसाले हल्के रखें।
- सत्तु और सूखे मेवे
- अखरोट, बादाम, काजू, किशमिश आदि का सेवन व्रत में ऊर्जा देने के लिए किया जा सकता है।
- शरद पूर्णिमा की रात विशेष
- चंद्रमा की किरण में रखे गए दूध और मखाने का सेवन शुभ माना जाता है।
- इसे दिन में नहीं, केवल रात के समय ही चंद्रमा की रोशनी में रखना चाहिए।
शरद पूर्णिमा व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए
- अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन
- तेलीय, तले हुए या मसालेदार भोजन व्रत में निषिद्ध हैं।
- इससे पेट भारी होता है और व्रत का उद्देश्य प्रभावित होता है।
- मांसाहारी भोजन और अंडे
- मांस, मछली, अंडा व्रत के दिन बिल्कुल न लें।
- अल्कोहल और नशे वाली चीजें
- शराब, बीड़ी-सिगरेट या अन्य नशीले पदार्थ पूरी तरह से वर्जित हैं।
- गेहूं या चावल से बने भारी व्यंजन
- ज्यादा घी या तेल वाले रोटी, पराठा, पकोड़े आदि से बचें।
- रात में भारी भोजन
- रात के समय हल्का ही भोजन करें, ताकि शरीर और मन शांत रहें।
अतिरिक्त सुझाव
- जल का सेवन बढ़ाएं: दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ।
- चाय-कॉफी से परहेज करें: यह व्रत के लिए अनुकूल नहीं हैं।
- व्रत खोलने का समय: प्रातःकाल या रात के समय, चंद्रमा की रोशनी में भोजन करें।
- सत्कार करें: व्रत में केवल हल्का और शुद्ध भोजन लेने की कोशिश करें।
- सरगी (Sargi) कब खानी चाहिए?
सरगी हिन्दू त्योहार करवा चौथ से संबंधित है। यह व्रती महिलाएं उपवास शुरू करने से पहले खाती हैं ताकि पूरे दिन व्रत सही ढंग से रह सके।
समय
सरगी का समय: सूर्योदय से पहले, यानी भोर के समय।
यह समय आमतौर पर 4:00 बजे से 5:30 बजे के बीच होता है (स्थान और मौसम के अनुसार बदल सकता है)।
इसे खाने के बाद ही महिला व्रत शुरू करती है और पूरे दिन कुछ नहीं खाती या पीती।
सरगी में क्या खाया जा सकता है
फल: केले, सेब, पपीता, संतरा
दूध एवं दूध से बने पदार्थ: दूध, दही, पनीर, हलवा
अनाज और हल्के व्यंजन: पूरी, पराठा, उपमा, खिचड़ी
सूखे मेवे: बादाम, काजू, अखरोट, किशमिश
हल्का नाश्ता: छाछ, हल्का हलवा या दलिया
क्या नहीं खाना चाहिए
तैलीय और भारी व्यंजन
मांसाहारी और अंडा
जंक फूड और पैक्ड स्नैक्स
सरगी खाने के बाद जल्दी से जल्दी व्रत की तैयारी करें और दिनभर ध्यान रखें कि पानी या भोजन का सेवन न हो।
निष्कर्ष:
शरद पूर्णिमा व्रत में हल्का, पचने योग्य, शुद्ध और प्राकृतिक भोजन लेना चाहिए। दूध, खिचड़ी, फल, मखाना और सूखे मेवे सर्वोत्तम हैं। वहीं, तैलीय, मसालेदार, मांसाहारी और भारी भोजन वर्जित हैं।
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