
नवरात्र 2025 हवन सामग्री
नवरात्रि 2025 में हवन करना विशेष रूप से अष्टमी (30 सितंबर) और नवमी (1 अक्टूबर) के दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। हवन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, नकारात्मकता दूर होती है, और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
हवन की विधि
- स्थान की शुद्धि: हवन करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। हवन स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और आटे से रंगोली बनाएं।
- हवन कुंड की स्थापना: हवन कुंड को पूर्व या उत्तर दिशा में रखें और उसके चारों ओर कलावा बांधें।
- अग्नि प्रज्वलन: कपूर या देसी घी से आम की लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित करें।
- शुद्धि क्रिया: तीन बार आचमन करें और फिर जल से शरीर एवं सामग्री पर छिड़ककर शुद्धि करें।
- मंत्रोच्चारण और आहुति: निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करते हुए हवन सामग्री की आहुति दें:
- “ॐ गणेशाय नमः स्वाहा”
- “ॐ नवग्रहाय नमः स्वाहा”
- “ॐ दुर्गाय नमः स्वाहा”
- “ॐ महाकालिकाय नमः स्वाहा”
- “ॐ हनुमते नमः स्वाहा”
- “ॐ भैरवाय नमः स्वाहा”
- “ॐ कुल देवताय नमः स्वाहा”
- “ॐ स्थान देवताय नमः स्वाहा”
- “ॐ ब्रह्माय नमः स्वाहा”
- “ॐ विष्णवे नमः स्वाहा”
- “ॐ शिवाय नमः स्वाहा”
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे स्वाहा” (नवरात्रि बीज मंत्र)
- महामृत्युंजय मंत्र: 11 बार “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंम् पुष्टिवर्धनम् / उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” मंत्र का जाप करें।
- नवदुर्गा मंत्र: नौ रूपों की पूजा करते हुए निम्नलिखित मंत्रों से आहुति दें:
- “ॐ शैलपुत्री देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ ब्रह्मचारिणी देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ चंद्रघंटा देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ कुष्मांडा देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ स्कंद देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ कात्यायनी देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ कालरात्रि देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ महागौरी देवी नमः स्वाहा”
- “ॐ सिद्धिदात्री देवी नमः स्वाहा”
- आरती और प्रसाद वितरण: हवन के बाद देवी दुर्गा की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
हवन सामग्री सूची
- हवन कुंड
- आम की लकड़ी
- शुद्ध देसी घी
- सूखा नारियल
- पान के पत्ते और सुपारी
- कपूर
- लाल कपड़ा
- गंगाजल
- चरणामृत
- कलावा
- आम के पत्ते
- लोबान
- गुग्गल
- जौ
- काले तिल
- चावल
- शहद
- लौंग
- सूखी लकड़ियां
नवरात्रि हवन के लाभ
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार – हवन से घर और कार्यस्थल में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
- स्वास्थ्य लाभ – हवन में धूप, कपूर और जौ आदि का धुआँ वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- मानसिक शांति – मंत्रोच्चारण और अग्नि पूजा से मानसिक तनाव कम होता है, ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक लाभ – देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, व्रत और पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है।
- समृद्धि और कल्याण – हवन से धन, सुख, संतान की वृद्धि और पारिवारिक सुख शांति प्राप्त होती है।
- नौ देवी की कृपा – नौ दिन की नवरात्रि में हर दिन की पूजा से नौ देवी की विशेष शक्तियों का आशीर्वाद मिलता है।
नवरात्रि हवन/पूजन सामग्री
- हवन कुंड – अग्नि के लिए विशेष पात्र
- आम की लकड़ी – हवन अग्नि में जलाने के लिए
- शुद्ध देसी घी – आहुति देने के लिए
- सूखा नारियल
- पान के पत्ते और सुपारी
- कपूर और लोबान – धुआँ देने के लिए
- गंगाजल और चरणामृत – शुद्धि के लिए
- लाल कपड़ा और कलावा – पूजा स्थल सजाने के लिए
- जौ, चावल, काले तिल – आहुति में डालने के लिए
- शहद और लौंग
- सूखी लकड़ियां
- फूल और अक्षत (चावल के दाने)
- नैवेद्य (फल, मिठाई, नारियल) – देवी को भोग लगाने के लिए
टिप: हवन सामग्री को साफ और व्यवस्थित रखकर, श्रद्धा के साथ उपयोग करना चाहिए।