
नवरात्र हवन 2025 सम्पूर्ण विधि
नवरात्रि हवन 2025 : सम्पूर्ण विधि
नवरात्रि हवन माता दुर्गा की आराधना का अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महानवमी या अष्टमी तिथि को किया जाता है। इसे करने से सम्पूर्ण व्रत सफल होता है और माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
🕉 नवरात्रि हवन की सम्पूर्ण विधि
1. हवन की तैयारी
- हवन स्थान को शुद्ध करके उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें।
- लकड़ी के छोटे टुकड़े, आम की लकड़ी, आम्रपल्लव, गोबर के उपले, सूखी लकड़ी रखें।
- हवन कुंड (चौकोर/त्रिकोणाकार) तैयार करें।
- आसन, जल, रोली, मौली, चावल, फल, फूल, घी, हवन सामग्री रखें।
2. संकल्प
- दाहिने हाथ में जल, अक्षत (चावल), फूल लेकर संकल्प करें—
“मैं अमुक नाम, अमुक गोत्र, माता दुर्गा की कृपा हेतु हवन कर रहा हूँ, कृपया स्वीकार करें।”
3. हवन आरंभ
- हवन कुंड में लकड़ी व उपले रखकर अग्नि प्रज्वलित करें।
- अग्नि में सबसे पहले घी की आहुति दें और कहें “ॐ अग्नये स्वाहा”।
4. देवी का आवाहन
- दुर्गा सप्तशती या नवदुर्गा के नाम का स्मरण करें।
- फिर हवन सामग्री से आहुति दें:
- “ॐ दुर्गायै स्वाहा”
- “ॐ सरस्वत्यै स्वाहा”
- “ॐ कात्यायन्यै स्वाहा”
- “ॐ कालिकायै स्वाहा”
- नवदुर्गा के सभी नामों से आहुति दें।
5. मुख्य हवन मंत्र
हवन करते समय यह मंत्र प्रत्येक आहुति पर बोलें:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे स्वाहा”
प्रत्येक मंत्रोच्चारण के बाद हवन सामग्री (समिधा, हवन समग्री, घी) अग्नि में अर्पित करें।
6. पूर्णाहुति
- सभी आहुति पूर्ण करने के बाद, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, गुड़ और घी से पूर्णाहुति दें।
- “ॐ सर्वेभ्यो देवताभ्यो नमः स्वाहा” बोलकर आहुति अर्पित करें।
7. आरती और क्षमा प्रार्थना
- माता दुर्गा की आरती करें।
- अंत में हाथ जोड़कर कहें—
“हे माता! यदि विधि में कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करें और कृपा बनाकर रखें।”
नवरात्रि हवन का महत्व
- व्रत पूर्ण होता है और पूजा सफल मानी जाती है।
- घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- माता दुर्गा प्रसन्न होकर भक्त को स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्रदान करती हैं।
नवरात्रि हवन के लाभ
नवरात्रि में हवन करने का विशेष महत्व है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी लाभकारी है।
नवरात्रि हवन के प्रमुख लाभ
- व्रत की पूर्णता
- हवन नवरात्रि व्रत का अंतिम और सबसे आवश्यक अंग है।
- इससे व्रत संपूर्ण और सफल माना जाता है।
- माता दुर्गा की कृपा प्राप्ति
- हवन करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और साधक को आशीर्वाद देती हैं।
- सभी प्रकार के संकट और कष्ट दूर होते हैं।
- घर में शांति और सुख-समृद्धि
- हवन से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वास होता है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश
- अग्निहोत्र और मंत्रों की ध्वनि से नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं।
- परिवार पर लगी बाधाएँ और दोष दूर होते हैं।
- स्वास्थ्य लाभ
- हवन सामग्री और घी की आहुति से उत्पन्न धुआं वातावरण को शुद्ध करता है।
- यह शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।
- मनोकामना पूर्ण होती है
- श्रद्धा और भक्ति से किया गया हवन साधक की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
- व्यापार, शिक्षा, नौकरी, विवाह आदि सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
- पितरों की कृपा
- हवन से पितरों को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं।
नवरात्रि व्रत में परहेज़ करने योग्य चीज़ें