
शारदीय नवरात्र प्रारंभ: माता रानी की उपासना से लाभ
🔱 माता रानी की उपासना से लाभ
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति – माँ लक्ष्मी की कृपा से घर में धन-धान्य और वैभव बढ़ता है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश – दुर्गा पूजा से घर-परिवार में नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मकता आती है।
- संकटों से मुक्ति – भक्त की सभी बाधाएँ और कष्ट दूर होते हैं।
- मान-सम्मान की वृद्धि – कार्यक्षेत्र और समाज में आदर-सम्मान मिलता है।
- स्वास्थ्य लाभ – देवी माँ की कृपा से मानसिक और शारीरिक बल मिलता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – साधक को आत्मबल और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
- पारिवारिक सुख-शांति – कलह-कलेश दूर होकर परिवार में सद्भावना बढ़ती है।
- मनोकामना पूर्ति – नवरात्रि में की गई उपासना से विशेष इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
- भय का नाश – माँ दुर्गा की आराधना से भय और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
- सद्गुणों की प्राप्ति – भक्त के जीवन में संयम, भक्ति और धर्म का भाव जागृत होता है।
🙏 शारदीय नवरात्रि के दिनों में यदि सच्चे मन से माता रानी की उपासना की जाए, तो जीवन में हर प्रकार की सफलता और सुख-शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।
🌸 शारदीय नवरात्र 2025
- आरंभ तिथि: 29 सितंबर 2025 (सोमवार)
- समापन तिथि: 07 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
- इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
🔱 शारदीय नवरात्र का महत्व
- यह देवी शक्ति की साधना का विशेष पर्व है।
- नवरात्र में देवी माँ धरती पर आती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं।
- इस समय साधना करने से जीवन में शक्ति, शांति और समृद्धि आती है।
- आध्यात्मिक उन्नति और आत्मबल प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय है।
- परिवार, समाज और राष्ट्र की रक्षा व कल्याण के लिए भी यह पर्व अत्यंत शुभ है।
🌟 शारदीय नवरात्र से शिक्षा
- असत्य पर सत्य की विजय का संदेश।
- अधर्म और अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा।
- आत्मविश्वास, संयम और परिश्रम का महत्व समझना।
- भक्ति, शक्ति और साधना से जीवन को सफल बनाना।
🙏 शारदीय नवरात्र पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर घर और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- कलश स्थापना करें और उसमें जल, सुपारी, सिक्का, आम्रपत्र डालें।
- कलश पर नारियल रखकर उसे लाल वस्त्र से लपेटें।
- माँ दुर्गा की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या देवी चालीसा का पाठ करें।
- प्रतिदिन देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करें।
- अखंड ज्योति (घी या तेल का दीपक) जलाएँ।
- नौ दिनों तक उपवास या सात्विक आहार रखें।
- अष्टमी/नवमी को कन्या पूजन करें।
🪔 शारदीय नवरात्र पूजा सामग्री
- कलश, नारियल, आम्रपत्र
- सुपारी, सिक्का, अक्षत (चावल)
- लाल वस्त्र और चुनरी
- पुष्प, रोली, मौली, हल्दी
- धूप, दीपक, अगरबत्ती
- फल, पान, नारियल, मिठाई
- पंचामृत, गंगाजल
- गेहूँ या जौ (जवारे उगाने हेतु)
✅ पूजा करने के उपाय
- प्रतिदिन सुबह-शाम माँ दुर्गा के समक्ष दीपक अवश्य जलाएँ।
- घर में नवरात्र के दौरान नकारात्मक कार्यों से बचें।
- कन्याओं का सम्मान करें और अष्टमी/नवमी को उन्हें भोजन कराएँ।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, नहीं तो “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जप करें।
- गरीब और जरूरतमंदों को दान करें।
- उपवास में सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
शारदीय नवरात्र प्रारंभ: माता रानी की उपासना से लाभ