
हनुमान जी की आराधना से मिलेगा हर संकट से छुटकारा
हनुमान जी की आराधना से लाभ
- संकटों से मुक्ति – हनुमान जी का ध्यान और भजन करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- साहस और शक्ति – मानसिक और शारीरिक बल में वृद्धि होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा – नकारात्मकता और भय दूर होता है, जीवन में उत्साह बढ़ता है।
- सफलता और संतान सुख – काम और परिवार में सफलता और सुख की प्राप्ति होती है।
- रोग और कष्ट से राहत – मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियां कम होती हैं।
हनुमान जी की पूजा विधि (सरल उपाय)
- स्थान – घर में साफ जगह चुनें और हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- सामग्री – सिंदूर, चंदन, फूल, दूर्वा, फल और भोग।
- आराधना
- प्रतिदिन मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी का ध्यान करें।
- ‘हनुमान चालीसा’ या ‘संकटमोचन स्तोत्र’ का पाठ करें।
- दूर्वा और फूल अर्पित करें।
- भक्ति भाव – पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ पूजा करें।
- प्रदक्षिणा और प्रार्थना – हनुमान जी के चारों ओर परिक्रमा करने के बाद अपने संकट और इच्छाओं का निवेदन करें।
सुझाव
- हनुमान जी की आराधना नियमित करें, खासकर संकट या कठिन समय में।
- शुद्ध मन और निष्ठा के साथ ‘संकट मोचन हनुमान स्तोत्र’ का पाठ बहुत लाभकारी होता है।
1. लाभ
- संकटों से मुक्ति – मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक संकट दूर होते हैं।
- साहस और शक्ति – शरीर और मन में शक्ति का संचार होता है।
- सफलता – हर कार्य में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- सुरक्षा – बुरी शक्तियों, शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा।
- रोग और कष्टों से राहत – मानसिक तनाव और शारीरिक रोग कम होते हैं।
- संतान सुख – संतान सुख और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
2. महत्व
- हनुमान जी संकट मोचन हैं और भक्त की रक्षा करते हैं।
- वीरता, भक्ति और निष्ठा के प्रतीक हैं।
- हनुमान जी की पूजा से जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
3. शिक्षा
- भक्ति और समर्पण – सच्ची श्रद्धा से भगवान की कृपा मिलती है।
- धैर्य और साहस – कठिनाइयों में भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए।
- सत्य और धर्म का पालन – जीवन में नैतिकता और सही मार्ग का पालन जरूरी है।
4. विधि
- स्थान – साफ-सुथरा स्थान चुनें, जहाँ हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखी जा सके।
- सामग्री – सिंदूर, चंदन, फूल, दूर्वा, अक्षत (चावल), फल, जल, दीपक।
- पूजा क्रम
- स्नान या हाथ-मुँह धोकर शुद्ध होकर पूजा स्थल पर बैठें।
- दीपक जलाएँ और हनुमान जी का अभिवादन करें।
- फूल, दूर्वा और चावल अर्पित करें।
- ‘हनुमान चालीसा’ या ‘संकटमोचन स्तोत्र’ का पाठ करें।
- मन में अपनी इच्छाओं और संकटों की प्रार्थना करें।
- अंत में पानी छिड़कें और हाथ जोड़कर वंदन करें।
5. पूजा सामग्री
- हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर
- सिंदूर और चंदन
- दूर्वा, फूल, अक्षत (चावल)
- जल और दीपक (घी या तेल का)
- फल और मिठाई (भोग के लिए)
- अगर संभव हो तो तुलसी या पान के पत्ते
6. पूजा करने के उपाय
- नियमितता – मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से पूजा करें।
- सच्ची भक्ति – मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
- भोजन का भोग – पूजा में हल्का और शुद्ध भोजन अर्पित करें।
- संकटमोचन स्तोत्र – संकट मोचन हनुमान स्तोत्र का पाठ करें।
- दूर्वा का महत्व – दूर्वा विशेष रूप से हनुमान जी को प्रिय है, इसे अर्पित करें।
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