
सूर्य ग्रहण 2025: तिथि और समय की सम्पूर्ण जानकारी
नीचे सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि, समय, दृश्यता, वैज्ञानिक विवरण और भारत पर प्रभाव से सम्बंधित पूरी जानकारी है:
सूर्य ग्रहण 2025 — सम्पूर्ण जानकारी
विषय | विवरण |
---|---|
प्रकार | आंशिक सूर्य ग्रहण |
तिथि | 21 सितंबर, 2025 |
यूटीसी (UTC) अनुसार समय | शुरुआत: 17:30:51 लगभग ग्रामीण अधिकतम ग्रहण19:43:04 लगभग अंतिम समय: 21:54:55 लगभग |
भारतीय समय (IST = UTC + 5:30) | शुरुआत: 10:59 PM IST (21 सितंबर) अधिकतम: लगभग 1:11 AM IST (22 सितंबर) समापन: लगभग 3:23 AM IST (22 सितंबर) |
दृश्यता (Visibility) & कुल कवरेज
- ग्रहण मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध के कुछ भागों में दिखेगा — विशेषकर न्यूज़ीलैंड, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी प्रशांत महासागर (South Pacific) क्षेत्र में।
- ग्रहण की “मagnitude” लगभग 0.85504 है — अर्थात् चंद्रमा सूर्य की आकार की लगभग 85.5% भागदारी को ढँकेगा।
- “Obscuration” अर्थात् सूर्य की चमक का कितना हिस्सा ढँका जाएगा, वह लगभग 79.7% अनुमानित है।
भारत में दृश्यता (Will it be visible from India?)
- भारत से देखा नहीं जा सकेगा। ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है। धार्मिक या ज्योतिषीय दृष्टिकोण से “सूतक” की अवधि सम्भवतः ग्रहण दिखने की स्थिति में ही माना जाता है, तो इस ग्रहण के लिए भारत में सूतक काल का प्रचलन नहीं होगा।
- जो लोग चाहें, वह इस घटना को लाइव स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन वीडियो या वेबकैम के माध्यम से देख सकते हैं।
वैज्ञानिक विवरण
- यह ग्रहण चंद्रमा के निचले गांठ से हो रहा है।
- ग्रहण का “गामा” मान लगभग −1.06509 है, जो इंगित करता है कि चंद्रमा की छाया पृथ्वी की सतह से थोड़ी दूरी से गुजर रही है, इसलिए ग्रहण पूरी तरह नहीं होगा।
- “ के समय भी दिए गए हैं — ये समय वे हैं जब सूर्य और चंद्रमा के मध्य कोण वलय (ecliptic तथा दृष्टिकोण से मिलते हैं, ग्रहण की ज्योतिषीय व खगोलीय पृष्ठभूमि को समझने के लिए महत्वपूर्ण है
धार्मिक / ज्योतिषीय दृष्टिकोण
- हिंदू धर्म में ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है — जब ग्रहण दृश्य हो, तब “सूतक काल”, “पूजा-पाठ बंदी” आदि धार्मिक कार्याें पर असर होता है। चूँकि यह ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा, इसलिए ज्योतिषीय और धार्मिक कर्मों में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम होगा।
- कई लोग ग्रहण के समय उपवास, ध्यान, मंत्र जाप आदि को ग्रहण के बाद के समय के अनुसार निर्धारित करते हैं।
🌞 सूर्य ग्रहण 2025 के लाभ (Labh)
- ग्रहण काल में किया गया जप, ध्यान और मंत्रोच्चार कई गुना फलदायी माना जाता है।
- ग्रहण के समय दान-पुण्य करने से पितरों की कृपा और पापों का शमन होता है।
- जो लोग ज्योतिषीय दोष (जैसे पितृ दोष, ग्रह दोष) से परेशान हैं, उन्हें ग्रहण काल में विशेष उपाय करने से राहत मिलती है।
- ग्रहण के समय किया गया सूर्य आराधना स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- ग्रहण के बाद स्नान और दान से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और सकारात्मकता आती है।
🙏 सूर्य ग्रहण की विधि (Vidhi)
- ग्रहण शुरू होने से पहले घर को शुद्ध करें, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- ग्रहण के दौरान भोजन, पानी और पूजा सामग्री को ढककर रखें।
- ग्रहण लगते समय ॐ नमः शिवाय या ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
- इस समय गायत्री मंत्र और सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप अत्यंत फलदायी होता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और पवित्र गंगा जल से शुद्धिकरण करें।
- स्नान के बाद ताजे भोजन बनाकर भगवान को भोग लगाएँ और ब्राह्मण या गरीबों को दान दें।
🌟 सूर्य ग्रहण का महत्व (Mahatva)
- धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को अत्यंत शुभ और विशेष समय माना जाता है, लेकिन केवल साधना, ध्यान और दान के लिए।
- ग्रहण के दौरान भौतिक कार्य (खाना, सोना, पूजा-पाठ) वर्जित होते हैं, परंतु आध्यात्मिक साधना अधिक फलदायी होती है।
- यह समय कर्मों के शुद्धिकरण और आत्मिक उत्थान का माना गया है।
- वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण सूर्य, चंद्र और पृथ्वी के संरेखण का अद्भुत खगोलीय घटना है, जो हमें प्रकृति की शक्ति और रहस्यों का बोध कराती है।
🪔 सूर्य ग्रहण पूजन सामग्री (Puja Samagri)
- गंगाजल या शुद्ध जल
- कुशा घास
- तिल (काला तिल और सफेद तिल)
- दीपक और घी/तेल
- अगरबत्ती और धूप
- फूल और अक्षत (चावल)
- तुलसीदल
- मंत्र जप के लिए माला (रुद्राक्ष या तुलसी की)
- दान हेतु – अनाज, वस्त्र, दक्षिणा, तिल, घी, गुड़ आदि
👉 ध्यान रहे: भारत में 21 सितम्बर 2025 का सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक और धार्मिक प्रभाव भारत में मान्य नहीं होगा। लेकिन जो लोग ज्योतिषीय उपाय करते हैं, वे इस दिन मानसिक रूप से साधना, जप और दान कर सकते हैं।
🌞 सूर्य ग्रहण के समय पूजा करने के उपाय
1. ग्रहण से पहले
- घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें।
- स्नान कर पवित्र वस्त्र पहनें।
- भोजन और पानी को तुलसी पत्ता डालकर ढक दें।
2. ग्रहण के दौरान
- मंत्र जाप करें:
- “ॐ सूर्याय नमः”
- “ॐ नमः शिवाय”
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
- गायत्री मंत्र का जाप करना अति उत्तम माना जाता है।
- मौन रहकर ध्यान करना और ईश्वर का स्मरण करना सबसे बड़ा उपाय है।
- चंद्रमा और सूर्य को मन ही मन प्रणाम करें और अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
3. ग्रहण समाप्त होने पर
- गंगा जल या शुद्ध जल से स्नान करें।
- घर और पूजा स्थल का शुद्धिकरण करें।
- ईश्वर को ताजे फूल, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
- ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र, तिल, घी, गुड़, अनाज आदि का दान करें।
🌟 विशेष उपाय
- सूर्य दोष निवारण के लिए – सूर्य ग्रहण पर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- पितृ दोष निवारण के लिए – काले तिल और जल से तर्पण करें।
- संतान सुख और परिवारिक शांति के लिए – ग्रहण काल में विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
- स्वास्थ्य लाभ के लिए – सूर्य देव को ग्रहण बाद अर्घ्य अर्पित करें।
🪔 दान करने योग्य वस्तुएँ
- तिल, चावल, गुड़, वस्त्र, घी, अनाज, स्वर्ण, और दक्षिणा।
👉 ध्यान रहे:
21 सितम्बर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में सूतक और पूजा की बाध्यता नहीं होगी। लेकिन जो लोग श्रद्धा से पूजा करना चाहते हैं, वे इसे मानसिक साधना, जप और दान के रूप में कर सकते हैं।
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