
संतोषी माता की कृपा पाने के गुप्त उपाय
🌸 संतोषी माता की कृपा पाने के गुप्त उपाय
- शुक्रवार का व्रत करें – शुक्रवा
- र के दिन संतोषी माता का व्रत रखने से माता तुरंत प्रसन्न होती हैं। इस दिन सुबह स्नान करके माता की मूर्ति या चित्र पर धूप-दीप जलाएं।
- खटाई का त्याग करें – व्रत के दिन नींबू, इमली, अचार, टमाटर जैसी खट्टी चीज़ें न खाएं। यह माता के नियमों में प्रमुख है।
- गुड़-चना का भोग – संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग सबसे प्रिय है। व्रत और पूजा में इसे अवश्य अर्पित करें।
- किसी बच्चे को भोजन कराएँ – शुक्रवार के दिन व्रत के बाद किसी बच्चे को गुड़-चना या साधारण भोजन कराना शुभ माना जाता है।
- आरती और भजन करें – माता की आरती और भजन श्रद्धापूर्वक गाने से मनोकामना पूर्ण होती है।
- धैर्य और संतोष रखें – संतोषी माता का नाम ही “संतोष” है। जीवन में धैर्य और संतोष बनाए रखने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें – शुक्रवार को विशेषकर किसी जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र दान करने से माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
- संतोषी माता की कथा सुनें – व्रत के दिन कथा सुनना या सुनाना अनिवार्य माना गया है। इससे व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
- माता का मंत्र जपें –
“॥ जय संतोषी माता, जय जय संतोषी माता ॥”
इस मंत्र का 108 बार जप करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। - व्रत उद्यापन करें – 16 शुक्रवार का व्रत पूरा होने पर व्रत उद्यापन (बच्चों को भोजन कराना और प्रसाद बाँटना) अवश्य करें।
🌸 संतोषी माता व्रत/पूजा के लाभ
- मनोकामना पूर्ति – श्रद्धा से किए गए व्रत और पूजा से छोटी-बड़ी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- संतान सुख की प्राप्ति – निःसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
- परिवार में शांति – कलह-कलेश, तनाव और विवाद कम होकर घर में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
- आर्थिक उन्नति – माता की कृपा से धन की कमी दूर होती है और समृद्धि आती है।
- संतोष की प्राप्ति – मन में धैर्य और संतोष का भाव जागृत होता है, जिससे जीवन सरल और सुखमय बनता है।
- स्वास्थ्य लाभ – नकारात्मक ऊर्जा और रोग-शोक दूर होकर स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
- विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान – योग्य वर/वधू मिलने में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
- सुख-समृद्धि में वृद्धि – माता की कृपा से जीवन में सुख-सुविधाएँ बढ़ती हैं।
- भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि – पूजा से मन में आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति का भाव गहराता है।
- किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्ति – नौकरी, व्यापार, या व्यक्तिगत जीवन में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं।
🌸 संतोषी माता व्रत एवं पूजन विधि
1. व्रत का संकल्प
- शुक्रवार की सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- घर के पूजास्थल में या स्वच्छ स्थान पर संतोषी माता की तस्वीर/प्रतिमा स्थापित करें।
- दीपक, अगरबत्ती जलाकर माता से व्रत का संकल्प लें।
2. पूजन सामग्री
- माँ संतोषी की तस्वीर या मूर्ति
- दीपक, घी/तेल, धूपबत्ती
- लाल चुनरी या वस्त्र
- गुड़ और चना (भुना हुआ)
- फूल, अक्षत (चावल), कलश
- रोली, मौली, जल
3. पूजा प्रक्रिया
- माँ संतोषी को जल, अक्षत और पुष्प अर्पित करें।
- रोली से तिलक करें और चुनरी चढ़ाएँ।
- दीपक और धूप जलाकर आरती करें।
- गुड़ और भुने चने का भोग लगाएँ।
- व्रत कथा का पाठ/श्रवण करें।
- पूजा के बाद भोग को प्रसाद रूप में बांटें।
4. व्रत के नियम
- इस व्रत में खटाई (नींबू, इमली, अचार, टमाटर आदि) का सेवन वर्जित है।
- व्रत का भोजन सादा व सात्त्विक होना चाहिए।
- 16 लगातार शुक्रवार यह व्रत करना श्रेष्ठ माना जाता है।
5. व्रत उद्यापन
- 16वें शुक्रवार व्रत पूरा होने पर उद्यापन करें।
- छोटे बच्चों (विशेषकर लड़कों) को भोजन कराएँ।
- गुड़-चना और मीठा प्रसाद बांटें।
- माता को धन्यवाद देकर व्रत पूर्ण करें।
🌼 यह विधि करने से संतोषी माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।
🌸 संतोषी माता व्रत का महत्व
- मनोकामना पूर्ण करने वाला व्रत
संतोषी माता का व्रत करने से भक्त की हर इच्छा और मनोकामना पूरी होती है। - धन और समृद्धि की प्राप्ति
आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं और घर-परिवार में धन, सुख और वैभव का आगमन होता है। - पारिवारिक कलह का नाश
पति-पत्नी के बीच के झगड़े, परिवार के सदस्यों में तनाव और क्लेश दूर होकर घर में शांति आती है। - धैर्य और संतोष का वरदान
माता का नाम ही “संतोषी” है। उनका व्रत करने से जीवन में संतोष, धैर्य और सकारात्मकता आती है। - स्वास्थ्य और दीर्घायु
माता की कृपा से रोग, शोक और मानसिक तनाव दूर होता है तथा स्वास्थ्य लाभ मिलता है। - संतान सुख की प्राप्ति
जो दंपत्ति संतान की कामना रखते हैं, उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। - सुखमय वैवाहिक जीवन
विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। - संकट से रक्षा
भक्तों के जीवन से संकट और बाधाएँ दूर होती हैं और वे निडर होकर जीवन जीते हैं।
👉 यही कारण है कि शुक्रवार का व्रत संतोषी माता के भक्तों के लिए सबसे सरल और फलदायी माना जाता है।
🌸 संतोषी माता पूजन सामग्री सूची
- माता संतोषी की प्रतिमा/चित्र
- पाट/चौकी (मूर्ति/चित्र स्थापित करने के लिए)
- लाल वस्त्र या चुनरी
- दीपक (घी/तेल वाला)
- अगरबत्ती/धूप
- फूल (विशेषकर लाल फूल)
- अक्षत (चावल)
- रोली (कुमकुम)
- मौली (नाड़ा/धागा)
- पानी का कलश
- गंगाजल या स्वच्छ जल
- सुपारी
- पान के पत्ते
- गुड़ और भुने हुए चने (मुख्य भोग)
- प्रसाद के लिए थाली
- आरती की थाली
- घंटी (आरती हेतु)
- व्रत कथा की पुस्तक/पुस्तिका
- सादा सात्त्विक भोजन सामग्री (बिना खटाई के)
- बच्चों को भोजन कराने हेतु बर्तन
🌼 इस सामग्री से पूजा करने पर व्रत पूर्ण और फलदायी माना जाता है।
🌸 संतोषी माता की पूजा करने के उपाय
- शुक्रवार को व्रत करें
संतोषी माता की पूजा का विशेष दिन शुक्रवार है। इस दिन उपवास या व्रत रखना शुभ माना जाता है। - सफाई का ध्यान रखें
पूजा से पहले घर और पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें। स्वच्छता से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं। - माता की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और चुनरी चढ़ाएँ। - दीपक और धूप जलाएँ
माता के सामने घी/तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाकर आराधना करें। - भोग अर्पण करें
माता को गुड़ और भुने हुए चने का भोग लगाएँ। खटाई (नींबू, इमली, अचार आदि) का प्रयोग बिल्कुल न करें। - व्रत कथा का श्रवण करें
पूजा में संतोषी माता की व्रत कथा पढ़ना या सुनना अनिवार्य माना गया है। - आरती करें
माता की आरती दीपक के साथ श्रद्धा और भक्ति से करें। - बच्चों को भोजन कराएँ
पूजा के बाद छोटे बच्चों को भोजन कराना बहुत शुभ फल देता है। - दान-पुण्य करें
जरूरतमंद को वस्त्र, अन्न या धन दान करने से माता प्रसन्न होती हैं। - संतोष और श्रद्धा रखें
पूजा करते समय मन में संतोष और धैर्य रखना ही माता की सच्ची आराधना है।
🌼 इन उपायों को अपनाकर पूजा करने से माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
गजानन की भक्ति: जीवन में सुख-शांति का स्रोत