
शनि दोष मिटाने के लिए पुराणों में बताए गए उपाय
शास्त्रों और पुराणों में शनि दोष (साढ़ेसाती, ढैया या शनि की महादशा) को शांत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय न केवल दोष शांति करते हैं बल्कि शनिदेव की कृपा भी दिलाते हैं। यहाँ प्रमुख पुराणों में बताए गए शनि दोष निवारण उपाय दिए गए हैं:
🌑 शनि दोष मिटाने के लिए पुराणों में बताए गए उपाय
- हनुमान जी की उपासना
- स्कंद पुराण में उल्लेख है कि शनिदेव हनुमान जी से परास्त होकर उन्हें वचन देते हैं कि उनके भक्तों को कष्ट नहीं देंगे।
- हर शनिवार को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करने से शनि दोष का नाश होता है।
- पीपल वृक्ष की पूजा
- पद्म पुराण में वर्णन है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है और शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
- शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर परिक्रमा करने से शनि दोष कम होता है।
- काला तिल और तेल का दान
- गरुड़ पुराण में लिखा है कि काले तिल और तिल के तेल का दान शनि की पीड़ा को शांत करता है।
- शनिवार को गरीबों या ब्राह्मणों को तिल-तेल का दान विशेष फलदायी है।
- शनि मंत्र का जाप
- ब्रहमवैवर्त पुराण में शनि बीज मंत्र जप का महत्व बताया गया है।
- मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
- प्रतिदिन 108 बार जाप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
- काली गाय, कौवा और काले कुत्ते को भोजन कराना
- मत्स्य पुराण में वर्णित है कि शनिदेव कौवे पर सवार होते हैं और काले रंग से उनका विशेष संबंध है।
- शनिवार को काले जीवों को भोजन कराने से शनि दोष शांति होती है।
- नीलमणि या लोहा धारण
- अग्नि पुराण में ग्रहों के अनुसार रत्न धारण का उल्लेख है।
- योग्य ज्योतिषी की सलाह से नीलमणि (नीलम) या लोहे की अंगूठी पहनने से शनि दोष कम होता है।
- शनि स्तोत्र पाठ
- ब्रह्मांड पुराण में शनि स्तोत्र का पाठ करने की महिमा बताई गई है।
- नियमित पाठ करने से शनि दोष का नाश और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- गरीब व असहाय लोगों की सेवा
- महाभारत और पुराणों में सेवा और दान को सर्वोत्तम उपाय बताया गया है।
- शनिवार के दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र और दान देने से शनि देव तुरंत प्रसन्न होते हैं।
👉 सार:
पुराणों के अनुसार, शनि दोष से मुक्ति पाने का सबसे श्रेष्ठ उपाय हनुमान जी की भक्ति, दान-पुण्य, पीपल पूजन और शनि मंत्र जाप है। ये उपाय करने से न केवल शनि दोष शांत होता है बल्कि जीवन में स्थिरता, सुख-समृद्धि और आत्मबल भी बढ़ता है।
हनुमान जी की भक्ति से मिलती है असीम शक्ति