॥ माँ काली हवन संहिता (पूर्णाहुति हेतु) ॥
📅 समय: अमावस्या / अष्टमी / शनिवार, निशीथ काल (११:३० PM – १२:३० AM)
📍 दिशा: पूर्व या उत्तरमुख
👕 वस्त्र: लाल/काले, शुद्ध वस्त्र
🪔 सामग्री:
- हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, गुड़, घी
- गुड़हल पंखुड़ी, कपूर, गंगाजल
- अष्टगंध, इलायची, लौंग, नारियल कतरन, जायफल, जटामांसी
१. शुद्धिकरण व संकल्प
- गंगाजल से हवन कुंड व आसन शुद्ध करें।
- संकल्प: ॐ काली मातः, मैं (नाम) ७ दिवसीय कवच-मंत्र साधना की पूर्णाहुति हेतु यह हवन आरंभ करता हूँ।
२. आवाहन मंत्र (३ बार)
ॐ ऐं ह्रीं क्रीं चामुण्डायै विच्चे॥
३. हवन क्रम
(१) बीज मंत्र आहुति (११ बार)
ॐ क्रीं कालीकायै नमः स्वाहा॥
(आहुति — घी + काले तिल + गुड़)
(२) महा मंत्र आहुति (११ बार)
ॐ ऐं ह्रीं क्रीं चामुण्डायै विच्चे स्वाहा॥
(आहुति — घी + गुड़हल पंखुड़ी)
(३) कवच आहुति
- कवच पाठ करें, प्रत्येक श्लोक के बाद “स्वाहा” बोलकर आहुति दें।
(४) सिद्धि मंत्र आहुति (११ बार)
ॐ ह्रीं क्रीं क्रीं क्रीं विजयवर्धिन्यै नमः स्वाहा॥
४. पूर्णाहुति मंत्र (३ बार)
ॐ क्रीं काली महाकालि कपालिनि स्वाहा॥
(गुड़ + तिल + घी + ११ गुड़हल फूल एक साथ)
५. समापन
- शांति पाठ: ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ - माता को प्रणाम करें और प्रसाद बांटें।